जिद्दी रिपोर्टर अपडेट... वायरल ऑडियो में ठेकेदारों से 15 लाख राज्यवर्धन, 20 लाख सिंघार, 10 लाख रुपए अलावा पर मांगने का आरोप भोपाल -पूर...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट...
वायरल ऑडियो में ठेकेदारों से 15 लाख राज्यवर्धन, 20 लाख सिंघार, 10 लाख रुपए अलावा पर मांगने का आरोप
भोपाल -पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और वन मंत्री उमंग सिंघार के बीच चल रहे हाईवोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामे के बीच वायरल हुए एक आॅडियो से सियासत तेज हो गई। वन मंत्री उमंग सिंघार, विधायक राजवर्धन सिंह दत्तीगांव और हीरालाल अलावा ने मंगलवार देर शाम मुख्यमंत्री कमलनाथ के पास पहुंचकर धमकी दे दी कि कथित आॅडियो में जो सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे शराब ठेकेदारों से 20 या 15 लाख रुपए लेन-देन की बात कह रहा है, उसे संरक्षण मिला हुआ है। बार-बार कहने के बाद भी नहीं हटाया गया, जबकि पूर्व में 42 करोड़ रुपए की एक गड़बड़ी के एक आरोप में आबकारी अफसर दुबे विवादित हैं। यदि दुबे को नहीं हटाया गया तो वे कुछ निर्णय ले सकते हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर देर रात दुबे को तत्काल पद से हटा दिया गया। मुख्यमंत्री से हीरालाल अलावा ने मुलाकात के दौरान यहां तक कह दिया था कि विवादित अफसर को नहीं हटाए जाने की स्थिति में वे इस्तीफा तक दे सकते हैं। बाद में सिंघार और दत्तीगांव ने भी मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी नाराजगी व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने उमंग सिंघार द्वारा बीते तीन दिनों से की जा रही बयानबाजी पर भी नाराजगी जताई और उनसे कहा कि वे पार्टी फोरम में अपनी बात रखें। उन्हें भविष्य में सोशल मीडिया और सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी न करने की भी चेतावनी दी है।
उमंग ने दिग्विजय को चाय पर बुलाया
उमंग सिंघार ने मंगलवार को दिग्विजय को चाय पर आमंत्रित किया था। दिग्विजय के भोपाल से बाहर होने के कारण सिंघार को सिंह के कार्यालय से पत्र के माध्यम से बता दिया गया कि वे 8 से 10 सिंतबर तक भोपाल में रहेंगे। इसलिए भेंट हेतु पूर्व मुख्यमंत्री को समय प्रदान
बावरिया बोले - पार्टी फोरम पर रखें अपनी बात
प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने मंत्रियों से पार्टी से संबंधित मामले सिर्फ पार्टी फोरम पर उठाने के निर्देश दिए हैं। बावरिया ने कहा कि मंत्रियों की पहली प्राथमिकता आम जनता के कल्याण के साथ कार्य करने की होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी के आंतरिक मामलों को सभी पार्टी फोरम पर उठा सकते हैं, लेकिन सोशल मीडिया एवं बयानों के माध्यम से मुद्दे बनाने से अनुशासन भंग होता है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने ट्वीट कर कहा कि मप्र में 15 वर्ष तक ईमानदार पार्टीजनों के साथ किए गए संघर्ष के बाद 8 महीनों में जो स्थितियां सामने आ रही हैं, उसे देखते हुए बहुत व्यथित हूं। यदि इतनी जल्दी इन दिनों का आभास पहले ही हो जाता तो शायद जान हथेली पर रखकर जहरीली और भ्रष्ट विचारधारा के खिलाफ लड़ाई नहीं लड़ता, बहुत आहत हूं। वाणिज्यिक कर मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि बड़ों की नसीहत से सीख लेना चाहिए। दिग्विजय सिंह पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। इसलिए वे कुछ कह रहे हैं तो सभी के हित में होगा। उनके अनुभव का लाभ लेना चाहिए। मंत्री जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए काम करें।
आॅडियो में आबकारी अफसर लगा रहे विधायकों पर पैसा मांगने का आरोप
इधर, धार में पदस्थ सहायक आबकारी आयुक्त दुबे और व्हीसिल ब्लोअर डॉ. आनंद राय का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इसमें दुबे जिले के दो कांग्रेस विधायक और एक मंत्री पर शराब ठेकेदारों से लाखों रुपए मांगने का आरोप लगा रहे हैं। ऑडियो में डॉ. राय से बात करते हुए दुबे ने कहा कि 15 लाख राजवर्धन मांगता है, 20 लाख उमंग सिंघार मांगता है और अब डॉ. हीरालाल अलावा 10 लाख रुपए मांग रहे हैं। इतनी कमाई होती तो अडाणी और अंबानी भी दारू का ही धंधा करते। इतने रुपए ठेकेदार देगा तो मर जाएगा। यह बातचीत मनावर विधायक डॉ. अलावा द्वारा हाल ही में शराब की गाड़ी पकड़ने के संबंध में बताई जा रही है। उमंग सिंघार से जब इस बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन पर जो आरोप लगाए गए हैं वे निराधार हैं और वे कानूनी कार्रवाई भी करेंगे। डॉ. आनंद राय का कहना है कि जो ऑडियो वायरल हुआ है उस पर मैं कुछ नहीं कहना चाहता हूं। हां, इतना जरूर है कि वन मंत्री उमंग सिंघार के विधानसभा क्षेत्र के जामदा-भूतिया में जो शराब की फैक्ट्री पकड़ी गई थी, वहां शराब माफियाओं को किसका संरक्षण है यह सभी जानते हैं। वहां के अपराधियों को उनका खुला संरक्षण है। इसका मैंने राहुल गांधी को ट्वीट किया है। इस मामले में मनावर विधायक डाॅ. हीरालाल अलावा का कहना है कि मुझे शराब ठेकेदार से पपैसे लेने होते तो गाड़ी ही क्यों पकड़वाता। संजीव दुबे जिले में अवैध शराब के धंधे को रोकने में पूरी तरह से नाकाम रहे हैं। इनके ट्रांसफर के लिए मैंने सीएम को पत्र भी लिखा था। मेरी विधानसभा में चप्पे-चप्पे पर दारू बिक रही है। जो काम आबकारी विभाग को करना चाहिए वह विधायक कर रहा है। मेरे नाम पर बीच में कोई कुछ कर रहा हो तो मुझे नहीं पता। मैंने मंगलवार को ऑडियो को लेकर सीएम कमलनाथ से बात की है। आगे भी कार्रवाई करूंगा।
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- ऑडियो फर्जी है, साइबर सेल को जांच के लिए भी दूंगा : दुबे
मामले में आबकारी अफसर दुबे का कहना है कि वह उनकी आवाज नहीं है। ऑडियो फर्जी है। वे साइबर सेल को जांच के लिए ऑडियो सौंपेंगे। इसके अलावा उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की।
*संजीव दुबे*
उमंग सिंघार : ब्लैकमेलर हंै दिग्विजय, शराब कारोबार भी कर रहे इनके लोग
कमलनाथ ने उमंग और राज्यवर्धन को सीएम हाउस बुलाया
वन मंत्री उमंग सिंघार ने तीसरे दिन मंगलवार को भी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर हमला जारी रखा। उन्होंने दिग्विजय पर सरकार को ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है। कहा- रेत का अवैध खनन और शराब का कारोबार भी इनके लोग ही कर रहे हैं। दिग्विजय ने उमंग के आरोपों पर भास्कर से चर्चा में सिर्फ इतना ही कहा-‘ मैं इस बारे में कुछ भी नहीं कहना चाहते। हमारे मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ हैं। वे ही जवाब देंगे।’ दोपहर में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिग्विजय से फोन पर चर्चा की। यह माना जा रहा है कि नाथ ने सिंह से उमंग सिंघार के मामले में बात की, लेकिन सिंह ने साफ कर दिया कि उनसे इस बारे में मुख्यमंत्री से कोई बात नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने शाम को उमंग सिंघार और राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव को सीएम हाउस में बुलवाया।
वायरल ऑडियो में ठेकेदारों से 15 लाख राज्यवर्धन, 20 लाख सिंघार, 10 लाख रुपए अलावा पर मांगने का आरोप
भोपाल -पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और वन मंत्री उमंग सिंघार के बीच चल रहे हाईवोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामे के बीच वायरल हुए एक आॅडियो से सियासत तेज हो गई। वन मंत्री उमंग सिंघार, विधायक राजवर्धन सिंह दत्तीगांव और हीरालाल अलावा ने मंगलवार देर शाम मुख्यमंत्री कमलनाथ के पास पहुंचकर धमकी दे दी कि कथित आॅडियो में जो सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे शराब ठेकेदारों से 20 या 15 लाख रुपए लेन-देन की बात कह रहा है, उसे संरक्षण मिला हुआ है। बार-बार कहने के बाद भी नहीं हटाया गया, जबकि पूर्व में 42 करोड़ रुपए की एक गड़बड़ी के एक आरोप में आबकारी अफसर दुबे विवादित हैं। यदि दुबे को नहीं हटाया गया तो वे कुछ निर्णय ले सकते हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर देर रात दुबे को तत्काल पद से हटा दिया गया। मुख्यमंत्री से हीरालाल अलावा ने मुलाकात के दौरान यहां तक कह दिया था कि विवादित अफसर को नहीं हटाए जाने की स्थिति में वे इस्तीफा तक दे सकते हैं। बाद में सिंघार और दत्तीगांव ने भी मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी नाराजगी व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने उमंग सिंघार द्वारा बीते तीन दिनों से की जा रही बयानबाजी पर भी नाराजगी जताई और उनसे कहा कि वे पार्टी फोरम में अपनी बात रखें। उन्हें भविष्य में सोशल मीडिया और सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी न करने की भी चेतावनी दी है।
उमंग ने दिग्विजय को चाय पर बुलाया
उमंग सिंघार ने मंगलवार को दिग्विजय को चाय पर आमंत्रित किया था। दिग्विजय के भोपाल से बाहर होने के कारण सिंघार को सिंह के कार्यालय से पत्र के माध्यम से बता दिया गया कि वे 8 से 10 सिंतबर तक भोपाल में रहेंगे। इसलिए भेंट हेतु पूर्व मुख्यमंत्री को समय प्रदान
बावरिया बोले - पार्टी फोरम पर रखें अपनी बात
प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने मंत्रियों से पार्टी से संबंधित मामले सिर्फ पार्टी फोरम पर उठाने के निर्देश दिए हैं। बावरिया ने कहा कि मंत्रियों की पहली प्राथमिकता आम जनता के कल्याण के साथ कार्य करने की होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी के आंतरिक मामलों को सभी पार्टी फोरम पर उठा सकते हैं, लेकिन सोशल मीडिया एवं बयानों के माध्यम से मुद्दे बनाने से अनुशासन भंग होता है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने ट्वीट कर कहा कि मप्र में 15 वर्ष तक ईमानदार पार्टीजनों के साथ किए गए संघर्ष के बाद 8 महीनों में जो स्थितियां सामने आ रही हैं, उसे देखते हुए बहुत व्यथित हूं। यदि इतनी जल्दी इन दिनों का आभास पहले ही हो जाता तो शायद जान हथेली पर रखकर जहरीली और भ्रष्ट विचारधारा के खिलाफ लड़ाई नहीं लड़ता, बहुत आहत हूं। वाणिज्यिक कर मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि बड़ों की नसीहत से सीख लेना चाहिए। दिग्विजय सिंह पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। इसलिए वे कुछ कह रहे हैं तो सभी के हित में होगा। उनके अनुभव का लाभ लेना चाहिए। मंत्री जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए काम करें।
आॅडियो में आबकारी अफसर लगा रहे विधायकों पर पैसा मांगने का आरोप
इधर, धार में पदस्थ सहायक आबकारी आयुक्त दुबे और व्हीसिल ब्लोअर डॉ. आनंद राय का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इसमें दुबे जिले के दो कांग्रेस विधायक और एक मंत्री पर शराब ठेकेदारों से लाखों रुपए मांगने का आरोप लगा रहे हैं। ऑडियो में डॉ. राय से बात करते हुए दुबे ने कहा कि 15 लाख राजवर्धन मांगता है, 20 लाख उमंग सिंघार मांगता है और अब डॉ. हीरालाल अलावा 10 लाख रुपए मांग रहे हैं। इतनी कमाई होती तो अडाणी और अंबानी भी दारू का ही धंधा करते। इतने रुपए ठेकेदार देगा तो मर जाएगा। यह बातचीत मनावर विधायक डॉ. अलावा द्वारा हाल ही में शराब की गाड़ी पकड़ने के संबंध में बताई जा रही है। उमंग सिंघार से जब इस बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन पर जो आरोप लगाए गए हैं वे निराधार हैं और वे कानूनी कार्रवाई भी करेंगे। डॉ. आनंद राय का कहना है कि जो ऑडियो वायरल हुआ है उस पर मैं कुछ नहीं कहना चाहता हूं। हां, इतना जरूर है कि वन मंत्री उमंग सिंघार के विधानसभा क्षेत्र के जामदा-भूतिया में जो शराब की फैक्ट्री पकड़ी गई थी, वहां शराब माफियाओं को किसका संरक्षण है यह सभी जानते हैं। वहां के अपराधियों को उनका खुला संरक्षण है। इसका मैंने राहुल गांधी को ट्वीट किया है। इस मामले में मनावर विधायक डाॅ. हीरालाल अलावा का कहना है कि मुझे शराब ठेकेदार से पपैसे लेने होते तो गाड़ी ही क्यों पकड़वाता। संजीव दुबे जिले में अवैध शराब के धंधे को रोकने में पूरी तरह से नाकाम रहे हैं। इनके ट्रांसफर के लिए मैंने सीएम को पत्र भी लिखा था। मेरी विधानसभा में चप्पे-चप्पे पर दारू बिक रही है। जो काम आबकारी विभाग को करना चाहिए वह विधायक कर रहा है। मेरे नाम पर बीच में कोई कुछ कर रहा हो तो मुझे नहीं पता। मैंने मंगलवार को ऑडियो को लेकर सीएम कमलनाथ से बात की है। आगे भी कार्रवाई करूंगा।
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- ऑडियो फर्जी है, साइबर सेल को जांच के लिए भी दूंगा : दुबे
मामले में आबकारी अफसर दुबे का कहना है कि वह उनकी आवाज नहीं है। ऑडियो फर्जी है। वे साइबर सेल को जांच के लिए ऑडियो सौंपेंगे। इसके अलावा उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की।
*संजीव दुबे*
उमंग सिंघार : ब्लैकमेलर हंै दिग्विजय, शराब कारोबार भी कर रहे इनके लोग
कमलनाथ ने उमंग और राज्यवर्धन को सीएम हाउस बुलाया
वन मंत्री उमंग सिंघार ने तीसरे दिन मंगलवार को भी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर हमला जारी रखा। उन्होंने दिग्विजय पर सरकार को ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है। कहा- रेत का अवैध खनन और शराब का कारोबार भी इनके लोग ही कर रहे हैं। दिग्विजय ने उमंग के आरोपों पर भास्कर से चर्चा में सिर्फ इतना ही कहा-‘ मैं इस बारे में कुछ भी नहीं कहना चाहते। हमारे मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ हैं। वे ही जवाब देंगे।’ दोपहर में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिग्विजय से फोन पर चर्चा की। यह माना जा रहा है कि नाथ ने सिंह से उमंग सिंघार के मामले में बात की, लेकिन सिंह ने साफ कर दिया कि उनसे इस बारे में मुख्यमंत्री से कोई बात नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने शाम को उमंग सिंघार और राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव को सीएम हाउस में बुलवाया।
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