*दैनिक सामाचार प्रतीक्षा....* * कलेक्टर साहब सुनो जनता की पुकार* जिला सहकारी बैंक घोटालो के मुख्य सलाहकार वीरेंद्र प...
*दैनिक सामाचार प्रतीक्षा....*
*कलेक्टर साहब सुनो जनता की पुकार*
जिला सहकारी बैंक घोटालो के
मुख्य सलाहकार वीरेंद्र पाराशर कब आएंगे कार्रवाई के दायरे मे
प्रिंट स्टेशनरी जी पी एफ डीजल वेतन घोटाला को अंजाम दे रहे हैं
शिवपुरी जिले का बहुचर्चित जिला सहकारी बैंक घोटाला जिसे हुए तीन वर्ष से अधिक का समय हो गया है आज भी लोग अपने पैसों के लिए भिखारी की तरह अपनी ही राशि की भीख मांगते हुए नित्य बेक के चक्कर लगाते लगाते जिनकीचप्पल घिस गई है परंतु प्रशासन इतना नाकाम साबित हुआ कि घोटालेबाजों की संपत्ति को कुर्क करके आम जनता को उसके पैसा की राहत नहीं पहुंचा सका परंतु आज भी प्रशासन घोटालेबाजों को नहीं नाप सका उसके पीछे क्या कारण रहा ? इसके लिए लगातार हमारी टीम काम कर रही है तथा एक के बाद एक जो घोटालेबाज है उन पर हमारी समाचार प्रतीक्षा की टीम की मुहिम जारी है जब इसकी तह में हम पहुंचे तो चौंकाने वाले नाम सामने आए तो घोटालेबाजों का असली सलाहकार और गुनाहों पर पर्दा डालने वाला जो मास्टरमाइंड है और जिसकी सहमति से ही जिसकी जानकारी में होते हुए यह घोटाले पर घोटाले होते रहे वह जिला मुख्यालय में लगभग 30 वर्ष से पदस्थ वीरू दादा के नाम से जाना जाता है वह है यह वीरेंद्र पाराशर जो गवनकर्ताओं का मुख्य सलाहकार तथा बैंक के अंदर क्या कुछ पक रहा है इसकी पल-पल की खबर घोटाले वाजो तक पहुंचाकर जिला प्रशासन द्वारा दिन-रात मेहनत करके जनता जनार्दन की परेशानियों को निजात दिलाने के लिए जो कार्रवाई की जा रही जाती है उसको टांय टांय फिस्स करने का काम यही पाराशर महाशय करते है जिला मुख्यालय में दिया तले अंधेरा है प्रशासन इस बात को लेकर हैरान है की कार्रवाई के अंदर खाने की खबरें और पत्रो कीछाया प्रति तत्काल गवन कर्ताओं के पास कैसे पहुंच जाती है कैसे बैंक के अंदर की बैठकोऔर कार्रवाइयों से घोटालेबाज अवगत होकर के अपने आप को आज तक सुरक्षित बने हुए हैं इन सब के पीछे जो नाम निकल करके आया है वह कार्यालय अधीक्षक वीरेंद्र पाराशर का ही है
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लगातार वीरेंद्र पाराशर के घर पर सुबह शाम घोटाले वाजो का आना-जाना रहता है बताया तो यह भी जाता है कि वीरेंद्र पाराशर मुख्य घोटाले बाज का खास रिश्तेदार है
वीरेंद्र जिस दिन से नौकरी में आए हैं उसी दिन से जिला मुख्यालय के स्टोर कक्ष में पदस्थ है सूत्र बताते है इसके द्वारा करोड़ों का घोटाला स्टेशनरी फॉर्म में किया गया है आज भी बैंक में स्टेशनरी फॉर्म्स का कोई रिकॉर्ड नहीं मिल सकता है और न ही डेट स्टॉक है
इसके अतिरिक्त डीजल के लाखों रुपए के फर्जी विल पेट्रोल पंप पर दिए जाते है जिनका भुगतान नगदीकरण इनके द्वारा पेट्रोल पंप से करवा लिया जाता है इसकी अगर जांच की जाए तो स्पष्ट सामने आ जाएगा
हमारी टीम को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसके द्वारा फर्जी स्वागत के बिल भी लगातार कई वर्षों से डाले जा रहे हैं जिसकी इसके द्वारा हर क्षेत्र के बिल भी लगातार कई वर्षों से डाले जा रहे है इसके द्वारा बैंक के अंदर फर्जी बिल तैयार करके प्रस्तुत करवा लिए जाते हैं तथा उन्हें यह पास करके निकाल लेते हैं इसकी पुष्टि हमारी टीम द्वारा की जा चुकी है अगर गहनता से जांच की जाती है तोजिस प्रकार शाखा कोलारस में गबन हुआ है वहां तीन-तीन केशियर होने के बावजूद भी स्थापना कक्ष की मेहरबानी से काम राकेश पराशर से करवाया गया और इतना बड़ा कांड हुआ इसी प्रकार से जिला बैंक में वीरू पाराशर वीरेंद्र को लेखाकक्ष वेतन कक्षा स्थापना कक्ष कर्मचारी जीपीएफ का स्टोर कक्षा कार्यालय अधीक्षक आदि आदि लगभग अपनी सेटिंग से यह आठ कक्षाओं के प्रभारी बने हुए हैं
हमारी टीम को बताया गया कीइसकी शिकायत वार्षिक सभा में श्रीमान कलेक्टर महोदय को बैंक के जागरूक प्रतिनिधियों द्वारा इसको कार्यालय अधीक्षक स्टोर कछ से हटाने ओर दूरस्थ शाखा मे भेजकर इसके खिलाफ कार्रवाई के लिए की गई थी लेकिन यह अपनी सेटिंग के कारण इस पद से नहीं हटता है जूनियर क्लर्क होने के बावजूद भी यह अपने सीनियरों को नजरअंदाज कर स्वयंभू बैंक में घोटालो का कर्ताधर्ता बना हुआ है वीरेंद्र पाराशर द्वारा कई वर्षों से नामचीन प्रिंटिंग प्रेस को शाखाओ से सीधे लाखों रुपए का भुगतान कराया जा रहा है यह भी जांच का एक मुख्य मुख्य बिंदु है इसके अतिरिक्त बैंक की गाड़ियों को सुधरवाने पर हजारों लाखों रुपए का खर्च हर माहइसके द्वारा डाला गया यह भी जांच के बिंदु है हमारी टीम को इसके विरुद्ध अनेकों शिकायतें प्राप्त हुई है जिनमें से कुछ शिकायत ही अभी समाचार प्रतीक्षा अपने इस अंक में डाल रहा है जिसमें इसके द्वारा करोडों की संपत्ति अपने रिश्तेदारों के नाम से लेकर ली गई है बैंक की जमीन का पट्टा अपने एक रिश्तेदार के नाम करवा दिया गया है और यहां जिला मुख्यालय में बैठकर बैंक की जमीन के कागज ही गोल कर दिए हैं
सूत्र तो यह भी बताते हैं कि वीरेंद्र पाराशर की जो बैंक में नियुक्ति है वह भी फर्जी है अगर इसकी जांच करवाई जाए तो सनसनी खेज जानकारी सामने आएगी
हमारे सूत्र बताते हैं कि बैंक में वीरू दादा का जलवा इतना है कि इन्होंने अभी एक कर्मचारी को केवल इसलिए ही सेवा से समाप्त करवा दिया था क्योंकि वह घोटालेबाजों के पक्ष में बोलने के लिए तैयार नहीं थे जिसे वीरेंद्र पाराशर द्वारा षड्यंत्र में फंसा कर उनके बच्चों को रोजी-रोटी से ही मोहताज करने का काम किया गया
दैनिक समाचार प्रतीक्षा की टीम को अभी तक जो इसके सूत्र सामने आए हैं उसमे इसके् खुद के प्लाट मकान प्रॉपर्टी फोर लाइन के पास कई प्लॉट पास कॉलोनी में मकान ग्वालियर सहित प्रदेश के कई शहरों में इसकी मकान की जानकारी मिली है अगर शीघ्र ही समय रहते वीरेंद्र पाराशर की गहनता से जांच करके कार्रवाई नहीं की गई तो बैंक की स्थिति और वद से बदतर हो जाएगी
अब तक जनता यह जानना चाहती है कि 3 वर्ष बाद भी देश का बहु चर्चित घोटाला होने के बावजूद भी प्रशासन अंजाम तक क्यों नहीं पहुंच पाया आज हमारी टीम ने नाम निकलकर सामने दिया है कि जब तक इस पर कार्रवाई नहीं होती या इनको जांच के दायरे में नहीं लिया जाता तब तक कोई अपनी बेटी के विवाह के हाथ पीले करने से वंचित रहेगा किसी का बेटा पढ़ाई से वंचित रहेगा कई बुजुर्ग अपनी राशि की आस लिए इस दुनिया से स्वर्ग सुधर गए परंतु आज भी जिला मुख्यालय पर बैठा यह घोटालेबाजो का साथ देकर पल पल बैंक को दिबालिया कर रहा हे ओर अपनी प्रॉपर्टी को बढ़ा रहा है
*इनका कहना है*
जब जिला सहकारी बैंक के जीएम दुबे को फोन लगाया तो उन्होंने बताया की इस पर हमारी लगातार कार्रवाई चल रही है
*रवीन्द्र दुबे, जी एम जिला सहकारी बैंक शिवपुरी*
इस पूरे मामले पर वीरेंद्र पाराशर से बात हुई तो उन्होंने बताया की मैं तो अधिकारी के निर्देश का पालन करता हूं 34 साल से मैं इसी बैंक में पदस्थ हूं स्टोर सहित सभी महत्वपूर्ण चार्ज मेरे ही पास है
*वीरेंद्र पाराशर जिला सहकारी बैंक शिवपुरी*
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