जिद्दी रिपोर्टर अपडेट.... अतुल जैन बाक्स (-एसडीएम, तहसीलदार सहित बीएमओ ने गांव का किया दौरा) बाक्स (-सरकारी हैंड पंप के पास जमी ...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट....
अतुल जैन
बाक्स
(-एसडीएम, तहसीलदार सहित बीएमओ ने गांव का किया दौरा)
बाक्स
(-सरकारी हैंड पंप के पास जमी गंदगी को हटाने के निर्देश)
शिवपुरी।जिले के खनियांधाना तहसील अंतर्गत ऊपर घाटी क्षेत्र के ग्राम ढोंगा (रिजोदी) में उल्टी-दस्त और बुखार ने करीब आधा सैकड़ा लोगों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। पिछले एक सप्ताह में इस रोग ने पैर पसारे हैं, जिसे लेकर दो दिन से स्वास्थ्य अमला गांव जाकर लोगों का इलाज कर रहा है। खनियांधाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ डॉ. अरुण झस्या के साथ गांव पहुंची टीम ने पहले दिन गांव के 28 मरीजों का परीक्षण किया। बुधवार को दूसरे दिन करीब 40 मरीजों का परीक्षण किया। इसमें से अधिकांश उल्टी, दस्त, बुखार, सिरदर्द आदि से पीड़ित थे। हैजा की आशंका को देखते हुए अब गांव में स्वास्थ्य कर्मचारियों की एक टीम नियुक्त कर दी गई है, जो घर-घर जाकर मरीजों की जांच कर रही है। बीएमओ डॉ. अरुण झस्या ने बताया की परीक्षण में दो मरीज ज्यादा गंभीर दिखे जो काफी पहले से ही बीमार थे। इसमें एक महिला को एनीमिया की शिकायत थी। दूसरे को पेट से संबंधित रोग था, जिनको एंबुलेंस से शिवपुरी रेफर किया गया। खनियांधाना के ऊपर घाटी क्षेत्र में आने वाले गांवों में हर वर्ष बारिश के मौसम में हैजा जैसी गंभीर बीमारियों के फैलने की आशंका बनी रहती है। बीते वर्षों में यह रोग फैलने से कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं। इसके चलते हैजा फैलने की आशंका की खबर सुनते ही सरकारी अमला दौड़ा दौड़ा गांव पहुंच गया।
बाक्स
(*हैंडपंप के पानी से बीमारी फैलने की बात कह रहे*)
स्वास्थ्य अमले ने जब गांव में घूमकर जानकारी जुटाई तो देखा कि गांव के जिस सरकारी हैंडपंप से लोग पानी पीते हैं। पानी सप्लाई होता है, उसके चारों ओर गंदगी फैली हुई थी। गांव के लोगों ने अपने घर का कूड़ा, कचरा, गोबर हैंडपंप के चारों ओर डाल रखा था। इससे विभाग को लगता है कि उस हैंडपंप का पानी दूषित होने से यह बीमारी फैली है, लेकिन हैजा जैसे लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं।
बाक्स
(*एसडीएम, तहसीलदार भी पहुंचे*)
सूचना मिलते ही आज पिछोर एसडीएम उदय सिंह सिकरवार, खनियांधाना नायब तहसीलदार प्रेमलता पाल, बीएमओ डॉ .अरुण झस्या तथा थाना प्रभारी बामौरकलाँ गांव पहुंचे। हैंडपंप को बंद कराया गया। गंदगी को हटवाने के निर्देश दिए गए।
बाक्स
(*बामौरकलां में नहीं है, वर्षों से कोई डॉक्टर*)
बामौरकलां। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खनियांधाना के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बामौरकलाँ में पिछले कई वर्षों से कोई भी डॉक्टर पदस्थ नहीं है। कंपाउंडर के भरोसे अस्पताल चल रहा है जबकि बामौरकलाँ पिछोर-चंदेरी रोड पर बसा हुआ एक महत्वपूर्ण कस्बा है। इसके आसपास करीब दो दर्जन छोटे-छोटे गांव लगे हैं जहां के लोग इलाज कराने के लिए बामौरकलाँ आते हैं, लेकिन डॉक्टर ना बैठने से निराश होकर चंदेरी या पिछोर चले जाते हैं। खनियाधाना में भी चिकित्सकों की कमी के चलते सप्ताह में दो बार डॉक्टर बामौरकलाँ जाते हैं बाकी दिन यह अस्पताल सूना पड़ा रहता है। जबकि बामौरकलाँ के समीप कई ऐसे आदिवासी गांव हैं, जहां हर साल हैजा फैलने की शिकायतें मिलती हैं।
अतुल जैन
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(-एसडीएम, तहसीलदार सहित बीएमओ ने गांव का किया दौरा)
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(-सरकारी हैंड पंप के पास जमी गंदगी को हटाने के निर्देश)
शिवपुरी।जिले के खनियांधाना तहसील अंतर्गत ऊपर घाटी क्षेत्र के ग्राम ढोंगा (रिजोदी) में उल्टी-दस्त और बुखार ने करीब आधा सैकड़ा लोगों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। पिछले एक सप्ताह में इस रोग ने पैर पसारे हैं, जिसे लेकर दो दिन से स्वास्थ्य अमला गांव जाकर लोगों का इलाज कर रहा है। खनियांधाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ डॉ. अरुण झस्या के साथ गांव पहुंची टीम ने पहले दिन गांव के 28 मरीजों का परीक्षण किया। बुधवार को दूसरे दिन करीब 40 मरीजों का परीक्षण किया। इसमें से अधिकांश उल्टी, दस्त, बुखार, सिरदर्द आदि से पीड़ित थे। हैजा की आशंका को देखते हुए अब गांव में स्वास्थ्य कर्मचारियों की एक टीम नियुक्त कर दी गई है, जो घर-घर जाकर मरीजों की जांच कर रही है। बीएमओ डॉ. अरुण झस्या ने बताया की परीक्षण में दो मरीज ज्यादा गंभीर दिखे जो काफी पहले से ही बीमार थे। इसमें एक महिला को एनीमिया की शिकायत थी। दूसरे को पेट से संबंधित रोग था, जिनको एंबुलेंस से शिवपुरी रेफर किया गया। खनियांधाना के ऊपर घाटी क्षेत्र में आने वाले गांवों में हर वर्ष बारिश के मौसम में हैजा जैसी गंभीर बीमारियों के फैलने की आशंका बनी रहती है। बीते वर्षों में यह रोग फैलने से कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं। इसके चलते हैजा फैलने की आशंका की खबर सुनते ही सरकारी अमला दौड़ा दौड़ा गांव पहुंच गया।
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(*हैंडपंप के पानी से बीमारी फैलने की बात कह रहे*)
स्वास्थ्य अमले ने जब गांव में घूमकर जानकारी जुटाई तो देखा कि गांव के जिस सरकारी हैंडपंप से लोग पानी पीते हैं। पानी सप्लाई होता है, उसके चारों ओर गंदगी फैली हुई थी। गांव के लोगों ने अपने घर का कूड़ा, कचरा, गोबर हैंडपंप के चारों ओर डाल रखा था। इससे विभाग को लगता है कि उस हैंडपंप का पानी दूषित होने से यह बीमारी फैली है, लेकिन हैजा जैसे लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं।
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(*एसडीएम, तहसीलदार भी पहुंचे*)
सूचना मिलते ही आज पिछोर एसडीएम उदय सिंह सिकरवार, खनियांधाना नायब तहसीलदार प्रेमलता पाल, बीएमओ डॉ .अरुण झस्या तथा थाना प्रभारी बामौरकलाँ गांव पहुंचे। हैंडपंप को बंद कराया गया। गंदगी को हटवाने के निर्देश दिए गए।
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(*बामौरकलां में नहीं है, वर्षों से कोई डॉक्टर*)
बामौरकलां। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खनियांधाना के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बामौरकलाँ में पिछले कई वर्षों से कोई भी डॉक्टर पदस्थ नहीं है। कंपाउंडर के भरोसे अस्पताल चल रहा है जबकि बामौरकलाँ पिछोर-चंदेरी रोड पर बसा हुआ एक महत्वपूर्ण कस्बा है। इसके आसपास करीब दो दर्जन छोटे-छोटे गांव लगे हैं जहां के लोग इलाज कराने के लिए बामौरकलाँ आते हैं, लेकिन डॉक्टर ना बैठने से निराश होकर चंदेरी या पिछोर चले जाते हैं। खनियाधाना में भी चिकित्सकों की कमी के चलते सप्ताह में दो बार डॉक्टर बामौरकलाँ जाते हैं बाकी दिन यह अस्पताल सूना पड़ा रहता है। जबकि बामौरकलाँ के समीप कई ऐसे आदिवासी गांव हैं, जहां हर साल हैजा फैलने की शिकायतें मिलती हैं।
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