जिद्दी रिपोर्टर अपडेट..... *लाला परिहार आमोलपठा* *आमोलपठा / शिवपुरी* सड़क दुर्घटना कम करने के लिए सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद ...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट.....
*लाला परिहार आमोलपठा*
*आमोलपठा/ शिवपुरी* सड़क दुर्घटना कम करने के लिए सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद सकारात्मक परिणाम नजर नहीं आ रहे हैं प्रदेश में डेढ़ साल के भीतर सड़क हादसों में 18 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हेा चुकी है केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018 में सड़क हादसों में 11 हजार 450 राहगीरों की मौत हुईं, जबकि इस साल जून तक साढ़े छह हजार लोगों की मौतें दर्ज हुई हैं
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी वर्ष 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक सड़क हादसों में जान गंवाने वालों में सर्वाधिक दुपहिया चालक एवं पदयात्री थे इनमें ड्राइविंग के साथ शराब का सेवन और मोबाइल पर बात करना भी दुर्घटना का बड़ा कारण सामने आया 29 फीसदी मौतें हेलमेट नहीं पहनने के चलते हुईं रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2018 के दौरान देश में सड़क दुर्घटनाओं में 0.46 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई
साल 2017 में 4,64,910 के मुकाबले 4,67,044 सड़क दुर्घटनाएं हुईं इस अवधि के दौरान मृत्यु दर में भी करीब 2.37 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. साल 2017 में 1,47,913 के मुकाबले साल 2018 में 151471 लोग मारे गए थे
इस रिपोर्ट में मध्य प्रदेश की स्तिथि चौंकाने वाली है देश में हुए कुल हादसों में सबसे ज्यादा मौतें क्रमश: उप्र, महाराष्ट्र, तमिलनाडु में दर्ज हुईं, इसमें मप्र का क्रम चौथा रहा दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार 12 प्रमुख कारणों में खराब सड़क, अधिक रफ्तार के अलावा शराब पीकर और मोबाइल पर बात करते हुए ड्राइविंग करना भी सामने आया मप्र की सड़कों पर तेज रफ्तार वाहनों के कारण हुए हादसों में बदहाल सड़कें भी एक कारण रहीं, लेकिन इस वर्ष के पहले छह महीने अर्थात जनवरी से जून 2019 तक हादसों के चलते सड़कों में मरने वालों की संख्या 6 हजार 500 दर्ज की गई है मरने वालों में ज्यादातर लोगों की उम्र 18 से 45 वर्ष आयु पाई गई है।
*लाला परिहार आमोलपठा*
*आमोलपठा/ शिवपुरी* सड़क दुर्घटना कम करने के लिए सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद सकारात्मक परिणाम नजर नहीं आ रहे हैं प्रदेश में डेढ़ साल के भीतर सड़क हादसों में 18 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हेा चुकी है केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018 में सड़क हादसों में 11 हजार 450 राहगीरों की मौत हुईं, जबकि इस साल जून तक साढ़े छह हजार लोगों की मौतें दर्ज हुई हैं
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी वर्ष 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक सड़क हादसों में जान गंवाने वालों में सर्वाधिक दुपहिया चालक एवं पदयात्री थे इनमें ड्राइविंग के साथ शराब का सेवन और मोबाइल पर बात करना भी दुर्घटना का बड़ा कारण सामने आया 29 फीसदी मौतें हेलमेट नहीं पहनने के चलते हुईं रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2018 के दौरान देश में सड़क दुर्घटनाओं में 0.46 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई
साल 2017 में 4,64,910 के मुकाबले 4,67,044 सड़क दुर्घटनाएं हुईं इस अवधि के दौरान मृत्यु दर में भी करीब 2.37 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. साल 2017 में 1,47,913 के मुकाबले साल 2018 में 151471 लोग मारे गए थे
इस रिपोर्ट में मध्य प्रदेश की स्तिथि चौंकाने वाली है देश में हुए कुल हादसों में सबसे ज्यादा मौतें क्रमश: उप्र, महाराष्ट्र, तमिलनाडु में दर्ज हुईं, इसमें मप्र का क्रम चौथा रहा दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार 12 प्रमुख कारणों में खराब सड़क, अधिक रफ्तार के अलावा शराब पीकर और मोबाइल पर बात करते हुए ड्राइविंग करना भी सामने आया मप्र की सड़कों पर तेज रफ्तार वाहनों के कारण हुए हादसों में बदहाल सड़कें भी एक कारण रहीं, लेकिन इस वर्ष के पहले छह महीने अर्थात जनवरी से जून 2019 तक हादसों के चलते सड़कों में मरने वालों की संख्या 6 हजार 500 दर्ज की गई है मरने वालों में ज्यादातर लोगों की उम्र 18 से 45 वर्ष आयु पाई गई है।

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