जिद्दी रिपोर्टर अपडेट..... सराफा थाने के आरक्षक अंकित उपाध्याय और नगर सुरक्षा समिति के सदस्य राजेंद्र तिवारी को इंदौर लोकायुक्त ने 5 ...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट.....
इंदौर. मध्य प्रदेश के इंदौर ज़िले के सराफा थाने पर पिछले दिनों पुलिस ने फर्जी सीबीआई अफसरों के एक गिरोह (Gang) का भंडाफोड़ किया था.
फरियादी के घर पर ही काम करने वाले एक नौकर लालू की भूमिका भी इस गिरोह के सदस्यों के साथ पाई गई थी, हालांकि गिरोह के भंडाफोड़ के बाद से ही फरियादी शेख कमाल हुसैन के यहां काम करने वाला नौकर लालू फरार हो गया था. इसके बाद से ही पुलिसकर्मी लालू को पेश करवाने के लिए कमाल हुसैन पर दबाव बना रहे थे. आरोपी को पेश करवाने और उन्हें आरोपी न बनाने के एवज में एक पुलिस कर्मी 25 हजार रूपयों की मांग कर रहा था, पुलिसकर्मी फरियादी से 20 हजार रूपये पूर्व में ही ले चुका था और पांच हजार रूपये के लिए लगातार दबाव बना रहा था.
ऐसे ट्रैप किए गए आरोपी
फरियादी कमाल हुसैन ने मंगलवार को पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त से पुलिस कर्मी से शिकायत की थी इसके बाद से ही लोकायुक्त दल कार्रवाई के लिए तैयार था. बुधवार को फरियादी को लोकायक्त दफ्तर से एक वॉइस रिकार्डर उपलब्ध करवाया गया, जिसमे फरियादी और पुलिसकर्मी के बीच लेनदेन की बातचीत रिकार्ड हो सके, साथ ही आरोपी को ट्रैप के लिए टीम भी बनाई गई. कमाल हुसैन और पुलिस कर्मी के बीच हुई बातचीत में तय हुआ कि शाम 5 बजे कमाल हुसैन 5 हजार रूपये बतौर रिश्वत लेकर थाने के बाहर पहुंचेंगे और पुलिस कर्मी ने रिश्वत के तय पैसों को लेने के लिए नगर सुरक्षा समिति के सदस्य राजेंद्र तिवारी को भेज दिया. राजेंद्र तिवारी ने पैसे लेने के तत्काल बाद पुलिस कर्मी अंकित उपाध्याय को पैसे ले जाकर दे दिए. पैसे का लेन देन होते ही लोकायुक्त दल ने पुलिस आरक्षक अंकित उपाध्याय और नगर सुरक्षा समिति के सदस्य राजेंद्र तिवारी को गिरफ्तार कर लिया.
दोनों आरोपियों के खिलाफ होगी कार्रवाई अक्सर देखा गया है की शासकीय सेवक रिश्वत की रकम खुद न लेकर किसी अशासकीय सेवक को आगे कर देते हैं. इस बार भी ऐसा ही हुआ. हालांकि लोकायुक्त ने दोनों ही आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का प्रकरण दर्ज कर उन्हें आरोपी बनाया है. लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल के मुताबिक लोकायुक्त पुलिस ने दोनों आरोपियों अंकित उपाध्याय और राजेंद्र तिवारी को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए पकड़ा है. मामले में प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.
सराफा थाने के आरक्षक अंकित उपाध्याय और नगर सुरक्षा समिति के सदस्य राजेंद्र तिवारी को इंदौर लोकायुक्त ने 5 हज़ार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. लोकायुक्त डीएसपी ने कहा है कि दोनों आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
- विकास सिंह चौहान
फरियादी के घर पर ही काम करने वाले एक नौकर लालू की भूमिका भी इस गिरोह के सदस्यों के साथ पाई गई थी, हालांकि गिरोह के भंडाफोड़ के बाद से ही फरियादी शेख कमाल हुसैन के यहां काम करने वाला नौकर लालू फरार हो गया था. इसके बाद से ही पुलिसकर्मी लालू को पेश करवाने के लिए कमाल हुसैन पर दबाव बना रहे थे. आरोपी को पेश करवाने और उन्हें आरोपी न बनाने के एवज में एक पुलिस कर्मी 25 हजार रूपयों की मांग कर रहा था, पुलिसकर्मी फरियादी से 20 हजार रूपये पूर्व में ही ले चुका था और पांच हजार रूपये के लिए लगातार दबाव बना रहा था.
ऐसे ट्रैप किए गए आरोपी
फरियादी कमाल हुसैन ने मंगलवार को पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त से पुलिस कर्मी से शिकायत की थी इसके बाद से ही लोकायुक्त दल कार्रवाई के लिए तैयार था. बुधवार को फरियादी को लोकायक्त दफ्तर से एक वॉइस रिकार्डर उपलब्ध करवाया गया, जिसमे फरियादी और पुलिसकर्मी के बीच लेनदेन की बातचीत रिकार्ड हो सके, साथ ही आरोपी को ट्रैप के लिए टीम भी बनाई गई. कमाल हुसैन और पुलिस कर्मी के बीच हुई बातचीत में तय हुआ कि शाम 5 बजे कमाल हुसैन 5 हजार रूपये बतौर रिश्वत लेकर थाने के बाहर पहुंचेंगे और पुलिस कर्मी ने रिश्वत के तय पैसों को लेने के लिए नगर सुरक्षा समिति के सदस्य राजेंद्र तिवारी को भेज दिया. राजेंद्र तिवारी ने पैसे लेने के तत्काल बाद पुलिस कर्मी अंकित उपाध्याय को पैसे ले जाकर दे दिए. पैसे का लेन देन होते ही लोकायुक्त दल ने पुलिस आरक्षक अंकित उपाध्याय और नगर सुरक्षा समिति के सदस्य राजेंद्र तिवारी को गिरफ्तार कर लिया.
दोनों आरोपियों के खिलाफ होगी कार्रवाई अक्सर देखा गया है की शासकीय सेवक रिश्वत की रकम खुद न लेकर किसी अशासकीय सेवक को आगे कर देते हैं. इस बार भी ऐसा ही हुआ. हालांकि लोकायुक्त ने दोनों ही आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का प्रकरण दर्ज कर उन्हें आरोपी बनाया है. लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल के मुताबिक लोकायुक्त पुलिस ने दोनों आरोपियों अंकित उपाध्याय और राजेंद्र तिवारी को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए पकड़ा है. मामले में प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.
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