जिद्दी रिपोर्टर अपडेट.... *शासन-प्रशासन कुंभकर्ण की निद्रा में* *राहगीर कोसते अपने भाग्य एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को* ...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट....
*शासन-प्रशासन कुंभकर्ण की निद्रा में*
*राहगीर कोसते अपने भाग्य एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को*
*लाला परिहार आमोलपठा*
*आमोलपठा /शिवपुरी* ग्वालियर संभाग के शिवपुरी जिले की तहसील करैरा से करही,बैगबां ,सीहोर, भितरवार, ग्वालियर मार्ग प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों की अकर्मण्यता निष्क्रियता के कारण गड्ढों में तब्दील हो चुका है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार करैरा ,करही एवं सीहोर मार्ग का चौड़ीकरण का कार्य गत 2 वर्ष से चल रहा है । इस कार्य की लागत लगभग 80 से 90 करोड़ की बताई जा रही है । कार्य की गति बेहद चिंताजनक है 2 वर्ष में मात्र करैरा अनु विभाग की तहसील नरवर के ग्राम हथेडा से सीहोर तक ही मिट्टी का कार्य संपन्न हो पया है ।अभी वहां पर भी सीसी निर्माण नहीं हो पाया है ।
सूत्रों की माने तो एमपीआरटीसी द्वारा इस रोड का कार्य कराया जा रहा है । कार्य पूर्ण ना होने के संदर्भ में जन चर्चा है कि करैरा अभ्यारण सोन चिड़िया विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया है , इस कारण से इस मार्ग का कार्य आज भी अधूरा ,जीण, सीड ,खंडर में तब्दील पड़ा है ।
विधायक, सांसद एवं जिला पंचायत ,जनपद पंचायत आदि जनप्रतिनिधि एवं प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी बेहद कुंभकर्ण की निद्रा में तल्लीन है ।
सरकार द्वारा चलाए जा रहे विकास जन हितेषी निर्माण कार्य पर तो प्रतिबंध लगा हुआ है । लेकिन इसी रोड मार्ग से दिन रात अवैध बिना शासन स्वीकृति के सैकड़ों वाहन रेत बजरी मुरम, गिट्टी के करैरा अभ्यारण प्रतिबंध क्षेत्र से निकल रहे हैं और प्रशासन के भ्रष्ट अकर्मण्य अधिकारी अपनी जेबें भरने में इतने मशगूल हैं कि शासन के खजाने में डाके डालने वाले अपराधियों को भी वे छोड़ रहे हैं । रेत मोरम एवं गिट्टी के ओवरलोड ट्रक, डंपर ,ट्रैक्टरों, के कारण ही करैरा, करही एवं सीहोर ,भितरवार मार्ग की हालत बेहद खराब चिंताजनक हो गई है । सड़क पर चलने वाले राहगीर वाहन चालक जब करैरा से करही सीहोर भितरवार ग्वालियर के लिए अपनी यात्रा प्रारंभ करते हैं जैसे ही यात्री या वाहन चालक करैरा भारत तिब्बत सीमा पुलिस आइटीबीपी कैंप से करही, भितरवार , सीहोर मार्ग पर अपनी यात्रा प्रारंभ करता है ,वैसे ही वह बेहद टेंशन में आ जाता है । इस मार्ग पर 2-2 फुट गहरे गड्ढे और 3से5 फुट चौड़े लाखों गड्ढे सड़क पर मात्र 25 किलोमीटर की सड़क पर हैं । मोटरसाइकिल फोर व्हीलर वाहन चालक के अलावा साइकल एवं पैदल चलने वाला यात्री भी कहता है कि आज मैं यदि अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच गया तो परमात्मा की मुझ पर विशेष अनुकंपा रहेगी । इसी दरमियान वह न जाने कितनी बार शासन प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों को कोसते हुए नहीं थकता ।
ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है की करैरा कराई, सीहोर मार्ग का कार्य शीघ्र कराया जाए और निष्क्रियता बरतने वाले प्रशासन के वरिष्ठ तथा ठेकेदार एवं संबंधित क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों पर भी कार्रवाई की जाए ।
*शासन-प्रशासन कुंभकर्ण की निद्रा में*
*राहगीर कोसते अपने भाग्य एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को*
*लाला परिहार आमोलपठा*
*आमोलपठा /शिवपुरी* ग्वालियर संभाग के शिवपुरी जिले की तहसील करैरा से करही,बैगबां ,सीहोर, भितरवार, ग्वालियर मार्ग प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों की अकर्मण्यता निष्क्रियता के कारण गड्ढों में तब्दील हो चुका है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार करैरा ,करही एवं सीहोर मार्ग का चौड़ीकरण का कार्य गत 2 वर्ष से चल रहा है । इस कार्य की लागत लगभग 80 से 90 करोड़ की बताई जा रही है । कार्य की गति बेहद चिंताजनक है 2 वर्ष में मात्र करैरा अनु विभाग की तहसील नरवर के ग्राम हथेडा से सीहोर तक ही मिट्टी का कार्य संपन्न हो पया है ।अभी वहां पर भी सीसी निर्माण नहीं हो पाया है ।
सूत्रों की माने तो एमपीआरटीसी द्वारा इस रोड का कार्य कराया जा रहा है । कार्य पूर्ण ना होने के संदर्भ में जन चर्चा है कि करैरा अभ्यारण सोन चिड़िया विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया है , इस कारण से इस मार्ग का कार्य आज भी अधूरा ,जीण, सीड ,खंडर में तब्दील पड़ा है ।
विधायक, सांसद एवं जिला पंचायत ,जनपद पंचायत आदि जनप्रतिनिधि एवं प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी बेहद कुंभकर्ण की निद्रा में तल्लीन है ।
सरकार द्वारा चलाए जा रहे विकास जन हितेषी निर्माण कार्य पर तो प्रतिबंध लगा हुआ है । लेकिन इसी रोड मार्ग से दिन रात अवैध बिना शासन स्वीकृति के सैकड़ों वाहन रेत बजरी मुरम, गिट्टी के करैरा अभ्यारण प्रतिबंध क्षेत्र से निकल रहे हैं और प्रशासन के भ्रष्ट अकर्मण्य अधिकारी अपनी जेबें भरने में इतने मशगूल हैं कि शासन के खजाने में डाके डालने वाले अपराधियों को भी वे छोड़ रहे हैं । रेत मोरम एवं गिट्टी के ओवरलोड ट्रक, डंपर ,ट्रैक्टरों, के कारण ही करैरा, करही एवं सीहोर ,भितरवार मार्ग की हालत बेहद खराब चिंताजनक हो गई है । सड़क पर चलने वाले राहगीर वाहन चालक जब करैरा से करही सीहोर भितरवार ग्वालियर के लिए अपनी यात्रा प्रारंभ करते हैं जैसे ही यात्री या वाहन चालक करैरा भारत तिब्बत सीमा पुलिस आइटीबीपी कैंप से करही, भितरवार , सीहोर मार्ग पर अपनी यात्रा प्रारंभ करता है ,वैसे ही वह बेहद टेंशन में आ जाता है । इस मार्ग पर 2-2 फुट गहरे गड्ढे और 3से5 फुट चौड़े लाखों गड्ढे सड़क पर मात्र 25 किलोमीटर की सड़क पर हैं । मोटरसाइकिल फोर व्हीलर वाहन चालक के अलावा साइकल एवं पैदल चलने वाला यात्री भी कहता है कि आज मैं यदि अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच गया तो परमात्मा की मुझ पर विशेष अनुकंपा रहेगी । इसी दरमियान वह न जाने कितनी बार शासन प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों को कोसते हुए नहीं थकता ।
ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है की करैरा कराई, सीहोर मार्ग का कार्य शीघ्र कराया जाए और निष्क्रियता बरतने वाले प्रशासन के वरिष्ठ तथा ठेकेदार एवं संबंधित क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों पर भी कार्रवाई की जाए ।
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