जिद्दी रिपोर्टर अपडेट.... *आमोलपठा वन विभाग टीम की बहुत बड़ी लापरवाही आई सामने* *आमोल पठा वन विभाग टीम ने महेश्वरी नाम क...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट....
*आमोलपठा वन विभाग टीम की बहुत बड़ी लापरवाही आई सामने*
*आमोल पठा वन विभाग टीम ने महेश्वरी नाम के व्यक्ति का महिंद्रा ट्रैक्टर अवैध उत्खनन करते हुए पकड़ा*
*लाला परिहार आमोलपठा*
करैरा अनुविभाग के अन्तर्गत आने वाली आमोलपठा कार्यालय पर लगे फल देने बाले बृक्ष जिन्हें देख रेख करने बाला बन विभाग का कोई भी कर्मचारी नहीं दिख रहा हैं कार्यालय में लगे ताले जिससे अनुमान लग रहा है कि यहां पर वन विभाग के कर्मचारी रहते नही हैं जबकि यहां पर पांच वन रक्षक और एक डिप्टी रेन्जर पदस्थ हैं लेकिन देखने को मिल रहा है आमोलपठा कार्यालय सूना पड़ा हुआ है जहां पर वन विभाग का एक भी कर्मचारी नजर नही आ रहे हैं ।
बही आमोलपठा कार्यालय में छोटे बड़े फल देने बाले बृक्ष लगे हुए हैं जहां पर गांव के ही पशुओं द्वारा नष्ट करने में लगे हुए हैं जिन वृक्षों की देख रेख करने बाला कोई नजर नही आता न तो वृक्षों की सिंचाई हो रही बल्कि कुछ छोटे बृक्ष पानी की सिंचाई बिना नष्ट हो चुके हैं पहले यहाँ पर पदस्थ डिप्टी रेन्जर सुरेन्द्र तिबारी थे जो पेड़ पौधे की सही तरंह से देख रेख में लगे रहते थे लेकिन उनका ट्रांसफर कोलारस हो गया उनकी जगह पर दयाराम यादव पदस्थ थे लेकिन बताया गया है कि दयाराम यादव का भी चार माह बाद 20 नवम्बर को ट्रांसफर खोड बन चौकी पर पदस्थ किया गया है और उनकी जगह आमोलपठा बन चौकी पर पदस्थ सहाब सिंह राजपूत डिप्टी रेन्जर को किया गया है जो आज तक आमोलपठा वन चौकी पर निबास करते नजर नही आएं बताया गया है कि बहा पर कुछ वन विभाग के द्वारा चौकीदार रखे गए थे जोकि 20 साल बाद उनकी सेवा लेकर उन्हें हटा दिये गये हैं वन विभाग के अधिकारियों के पास जाकर दर - दर की ठोकरे खाकर परास्त हो गए। और 27 नवंबर को आमोलपठा वन विभाग टीम ने महेश्वरी नरवर नाम के व्यक्ति का ट्रैक्टर पकड़ा जोकि महिंद्रा लाल कलर का था और वह आमोलपठा वन चौकी में लाकर भी रखा गया। और उसी ट्रैक्टर को देर शाम छोड़ दिया गया जो कि वन विभाग टीम के द्वारा रेत अवैध उत्खनन करते हुए पकड़ा गया था।
*इनका कहना है*
मेरी जानकारी में नही है कि कब आमोलपठा वन चौकी टीम ने महिंद्रा ट्रैक्टर पकड़ा और कब छोड़ दिया। और मैं कार्यालय में दिखवा लेता हूं। हमारे कर्मचारी कही फील्ड में गये होगे इसलिए पशु घुस गए होंगे ऐसी स्थिति में कभी कभार आ जाती है।
*अनुराग तिबारी बन परिक्षेत्र करैरा*
*इनका कहना है*
मेरे संज्ञान में नहीं है यह मामला फिर भी मैं करैरा रेंजर से पूछ कर बता पाऊंगा।
*लवित भारती डीएफओ शिवपुरी*
*आमोलपठा वन विभाग टीम की बहुत बड़ी लापरवाही आई सामने*
*आमोल पठा वन विभाग टीम ने महेश्वरी नाम के व्यक्ति का महिंद्रा ट्रैक्टर अवैध उत्खनन करते हुए पकड़ा*
*लाला परिहार आमोलपठा*
करैरा अनुविभाग के अन्तर्गत आने वाली आमोलपठा कार्यालय पर लगे फल देने बाले बृक्ष जिन्हें देख रेख करने बाला बन विभाग का कोई भी कर्मचारी नहीं दिख रहा हैं कार्यालय में लगे ताले जिससे अनुमान लग रहा है कि यहां पर वन विभाग के कर्मचारी रहते नही हैं जबकि यहां पर पांच वन रक्षक और एक डिप्टी रेन्जर पदस्थ हैं लेकिन देखने को मिल रहा है आमोलपठा कार्यालय सूना पड़ा हुआ है जहां पर वन विभाग का एक भी कर्मचारी नजर नही आ रहे हैं ।
बही आमोलपठा कार्यालय में छोटे बड़े फल देने बाले बृक्ष लगे हुए हैं जहां पर गांव के ही पशुओं द्वारा नष्ट करने में लगे हुए हैं जिन वृक्षों की देख रेख करने बाला कोई नजर नही आता न तो वृक्षों की सिंचाई हो रही बल्कि कुछ छोटे बृक्ष पानी की सिंचाई बिना नष्ट हो चुके हैं पहले यहाँ पर पदस्थ डिप्टी रेन्जर सुरेन्द्र तिबारी थे जो पेड़ पौधे की सही तरंह से देख रेख में लगे रहते थे लेकिन उनका ट्रांसफर कोलारस हो गया उनकी जगह पर दयाराम यादव पदस्थ थे लेकिन बताया गया है कि दयाराम यादव का भी चार माह बाद 20 नवम्बर को ट्रांसफर खोड बन चौकी पर पदस्थ किया गया है और उनकी जगह आमोलपठा बन चौकी पर पदस्थ सहाब सिंह राजपूत डिप्टी रेन्जर को किया गया है जो आज तक आमोलपठा वन चौकी पर निबास करते नजर नही आएं बताया गया है कि बहा पर कुछ वन विभाग के द्वारा चौकीदार रखे गए थे जोकि 20 साल बाद उनकी सेवा लेकर उन्हें हटा दिये गये हैं वन विभाग के अधिकारियों के पास जाकर दर - दर की ठोकरे खाकर परास्त हो गए। और 27 नवंबर को आमोलपठा वन विभाग टीम ने महेश्वरी नरवर नाम के व्यक्ति का ट्रैक्टर पकड़ा जोकि महिंद्रा लाल कलर का था और वह आमोलपठा वन चौकी में लाकर भी रखा गया। और उसी ट्रैक्टर को देर शाम छोड़ दिया गया जो कि वन विभाग टीम के द्वारा रेत अवैध उत्खनन करते हुए पकड़ा गया था।
*इनका कहना है*
मेरी जानकारी में नही है कि कब आमोलपठा वन चौकी टीम ने महिंद्रा ट्रैक्टर पकड़ा और कब छोड़ दिया। और मैं कार्यालय में दिखवा लेता हूं। हमारे कर्मचारी कही फील्ड में गये होगे इसलिए पशु घुस गए होंगे ऐसी स्थिति में कभी कभार आ जाती है।
*अनुराग तिबारी बन परिक्षेत्र करैरा*
*इनका कहना है*
मेरे संज्ञान में नहीं है यह मामला फिर भी मैं करैरा रेंजर से पूछ कर बता पाऊंगा।
*लवित भारती डीएफओ शिवपुरी*
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