जिद्दी रिपोर्टर अपडेट.... दीपक शर्मा ग्वालियर। ग्वालियर कलेक्टर के सदप्रयासों से अब कलेक्ट्रेट भी सूरत और आबो हवा बदलने लगी है। अब...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट....
दीपक शर्मा
ग्वालियर। ग्वालियर कलेक्टर के सदप्रयासों से अब कलेक्ट्रेट भी सूरत और आबो हवा बदलने लगी है। अब कलेक्टेट परिसर बेहतरीन गमलों और उसमें लगे पौधों से सुसज्जित हो गया है। जिसमें वहां आने वाले लोग कलेक्ट्रेट में यह बदली तस्वीर देखकर प्रभावित हैं। अब आने वाले लोग सजे गमलों को देखकर स्वयं भी हरियाली व स्वच्छ पर्यावरण के प्रति जागरूक हो रहे हैं।
जिला कलेक्टर अनुराग चौधरी ग्वालियर में नवाचार के लिये जाने जाते हैं। उन्होंने अपनी पदस्थापना के बाद ग्वालियर में अपनी प्रशासनिक कसावट बेहतर की है, वहीं आम आदमी की समस्याएं भी मौके पर ही सुलझाने की पहल की है। उन्होंने शुरूआत में हथियार लायसेंस के लिए पौधे रोपने की परम्परा भी शुरू की गई, वहीं सर्दी में सडकों पर रहने वाले गरीब लोगों को ठंड में कंबल दिलवाने की व्यवस्था भी की। उनके इन प्रयासों की अंचल में जमकर सराहना भी हो रही है। कई जिलों में भी कलेक्टरों ने यह अपनाया भी है।
कलेक्टर अनुराग चौधरी ने अब जिला कलेक्ट्रेट परिसर को बेहतर बनाने का बीडा उठाया है, वह इसे मध्यप्रदेश की सबसे बेहतर कलेक्ट्रेट बनाना चाहते हैं। इसके लिये उन्होंने वहां साफ सफाई की बेहतर व्यवस्था की है, और अब पूरे कलेक्ट्रेट परिसर भवन को हरा-भरा करने के लिए पहल की है। उन्होंने पूरे कलेक्ट्रेट परिसर व भवन में एक हजार से भी अधिक गमले रखवाये हैं, यह गमले विभिन्न प्रकार के सजावटी पौधों से सुसज्जित हैं, जिस कारण पूरे कलेक्ट्रेट भवन की एक नई तस्वीर उभर कर सामने आई है।
कलेक्ट्रेट की तीनों मंजिल अब एक हजार से भी अधिक गमलों से सजी हैं, कई गमलों में तो आकर्षक मौसमी फ्लावर सुशोभित हो रहे हैं, जिससे हर आने जाने व्यक्ति का बरवस ध्यान इन गमलों की तरफ हो जाता है। हर आने वाला व्यक्ति कलेक्ट्रेट की बदली आबोहवा देखकर आश्चर्यचकित है। लोग गमलों से सजे कलेक्टे्रट को देखकर वाह कर उठते हैं।
गंदगी से मुक्ति भी मिली
कलेक्ट्रेट भवन में गमलों के कारण वहां आने जाने वाले लोग अब स्वयं ही साफ सफाई का ध्यान रखते हैं। वहां अब कोई कूडा करवट या कागज भी नहीं फेंकता और न ही गुटखा या पान की पीक थूकते हैं। जिससे कलेक्ट्रेट भवन की चमचमाहट बरकरार है।
पौधों में पानी के लिये भी जिम्मेदारी
कलेक्टर अनुराग चौधरी ने कलेक्ट्रेट में रखवाये गमलों में लगे पौधों की रक्षा के लिए वहां उन्हें पानी देने के लिये अलग अलग लोगों की डयूटी भी लगवाई है। एक बार तो कुछ सूखे गमलों को देखकर वह स्वयं भी उनमें पानी देने लगे । जिसकी वजह से कलेक्ट्रेट परिसर में पदस्थ हर अधिकारी अब अपने कार्यालय के बाहर रखे गमलों में पानी, खाद व उनकी रक्षा का पूरा ध्यान देने लगा है।
इनका कहना है
कलेक्ट्रेट परिसर में पौधों से सज्जित गमले रखवाये जाने से माहौल भी वहां का पर्यावरण और बेहतर हुआ है और परिसर भी सुंदर लगने लगा है। मेरी तो प्रत्येक व्यक्ति को सलाह है , वह अपना कार्यालय और घर दोनों जगह कुछ पौधे जरूर लगायें, चाहे गमले में ही क्यों न लगायें । इससे मन भी प्रसन्न बना रहता है।
श्री अनुराग चौधरी
(आईएएस कलेक्टर ग्वालियर)
दीपक शर्मा
ग्वालियर। ग्वालियर कलेक्टर के सदप्रयासों से अब कलेक्ट्रेट भी सूरत और आबो हवा बदलने लगी है। अब कलेक्टेट परिसर बेहतरीन गमलों और उसमें लगे पौधों से सुसज्जित हो गया है। जिसमें वहां आने वाले लोग कलेक्ट्रेट में यह बदली तस्वीर देखकर प्रभावित हैं। अब आने वाले लोग सजे गमलों को देखकर स्वयं भी हरियाली व स्वच्छ पर्यावरण के प्रति जागरूक हो रहे हैं।
जिला कलेक्टर अनुराग चौधरी ग्वालियर में नवाचार के लिये जाने जाते हैं। उन्होंने अपनी पदस्थापना के बाद ग्वालियर में अपनी प्रशासनिक कसावट बेहतर की है, वहीं आम आदमी की समस्याएं भी मौके पर ही सुलझाने की पहल की है। उन्होंने शुरूआत में हथियार लायसेंस के लिए पौधे रोपने की परम्परा भी शुरू की गई, वहीं सर्दी में सडकों पर रहने वाले गरीब लोगों को ठंड में कंबल दिलवाने की व्यवस्था भी की। उनके इन प्रयासों की अंचल में जमकर सराहना भी हो रही है। कई जिलों में भी कलेक्टरों ने यह अपनाया भी है।
कलेक्टर अनुराग चौधरी ने अब जिला कलेक्ट्रेट परिसर को बेहतर बनाने का बीडा उठाया है, वह इसे मध्यप्रदेश की सबसे बेहतर कलेक्ट्रेट बनाना चाहते हैं। इसके लिये उन्होंने वहां साफ सफाई की बेहतर व्यवस्था की है, और अब पूरे कलेक्ट्रेट परिसर भवन को हरा-भरा करने के लिए पहल की है। उन्होंने पूरे कलेक्ट्रेट परिसर व भवन में एक हजार से भी अधिक गमले रखवाये हैं, यह गमले विभिन्न प्रकार के सजावटी पौधों से सुसज्जित हैं, जिस कारण पूरे कलेक्ट्रेट भवन की एक नई तस्वीर उभर कर सामने आई है।
कलेक्ट्रेट की तीनों मंजिल अब एक हजार से भी अधिक गमलों से सजी हैं, कई गमलों में तो आकर्षक मौसमी फ्लावर सुशोभित हो रहे हैं, जिससे हर आने जाने व्यक्ति का बरवस ध्यान इन गमलों की तरफ हो जाता है। हर आने वाला व्यक्ति कलेक्ट्रेट की बदली आबोहवा देखकर आश्चर्यचकित है। लोग गमलों से सजे कलेक्टे्रट को देखकर वाह कर उठते हैं।
गंदगी से मुक्ति भी मिली
कलेक्ट्रेट भवन में गमलों के कारण वहां आने जाने वाले लोग अब स्वयं ही साफ सफाई का ध्यान रखते हैं। वहां अब कोई कूडा करवट या कागज भी नहीं फेंकता और न ही गुटखा या पान की पीक थूकते हैं। जिससे कलेक्ट्रेट भवन की चमचमाहट बरकरार है।
पौधों में पानी के लिये भी जिम्मेदारी
कलेक्टर अनुराग चौधरी ने कलेक्ट्रेट में रखवाये गमलों में लगे पौधों की रक्षा के लिए वहां उन्हें पानी देने के लिये अलग अलग लोगों की डयूटी भी लगवाई है। एक बार तो कुछ सूखे गमलों को देखकर वह स्वयं भी उनमें पानी देने लगे । जिसकी वजह से कलेक्ट्रेट परिसर में पदस्थ हर अधिकारी अब अपने कार्यालय के बाहर रखे गमलों में पानी, खाद व उनकी रक्षा का पूरा ध्यान देने लगा है।
इनका कहना है
कलेक्ट्रेट परिसर में पौधों से सज्जित गमले रखवाये जाने से माहौल भी वहां का पर्यावरण और बेहतर हुआ है और परिसर भी सुंदर लगने लगा है। मेरी तो प्रत्येक व्यक्ति को सलाह है , वह अपना कार्यालय और घर दोनों जगह कुछ पौधे जरूर लगायें, चाहे गमले में ही क्यों न लगायें । इससे मन भी प्रसन्न बना रहता है।
श्री अनुराग चौधरी
(आईएएस कलेक्टर ग्वालियर)
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