जिद्दी रिपोर्टर अपडेट.... •श्रीमदभागवत कथा के शुभारंभ के साथ सीतापाठा महाशिवरात्री महोत्सव प्रारंभ •शिवमंदिर से कथास्थल पर गाजे बाजे से...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट....
•श्रीमदभागवत कथा के शुभारंभ के साथ सीतापाठा महाशिवरात्री महोत्सव प्रारंभ
•शिवमंदिर से कथास्थल पर गाजे बाजे से निकली कलश यात्रा
अमर शहीद चन्द्रशेखर की कर्मस्थली पर भव्य मेला सहित धार्मिक आयोजन, उत्सव का माहौल ब्याप्त
•नगर परिषद ने एतिहासिक स्थल सीतापाठा को विकसित करने का छेडा अभियान
शिवपुरी । शिवपुरी जिले के पिछोर अनुविभाग अंतर्गत खनियाधाना नगर में स्थित एतिहासिक स्थल सीतापाठा को विकसित करने का संकल्प खनियाधाना नगर परिषद द्वारा लेते हुये यहां भव्य मेला सहित भागवतभूषण पं.रमाकान्त जी ब्यास के श्रीमुखारविंद से श्रीमदभागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। जहां अमर शहीद चंन्द्रशेखर आजाद ने अंग्रेजों से लोहा लेते हुये स्वतंत्रता संग्राम के समय छःमाह यहां रहकर गुजारे थे। झांसी व ओरछा में क्रांति की अलख यहां रहकर जगाई एैसे अनुकरण्ीाय एतिहासिक स्थल सीतापाठा पर श्रीमदभागवतकथा करने का सौभाग्य मानते हुये महाराज श्री रमाकान्तजी ब्यास ने आज शुभारंभ के अवसर पर सर्वप्रथम सीतापाठा महादेव मंदिर में दर्शनलाभ लिये तत्पश्चात वे अमर शहीद चन्द्रशेखर की प्रतिमा के समीप पहुंचे और माल्यार्पण कर उनकी राष्ट्रभक्ति को प्रणाम किया। इस मौके पर उन्होंने राष्ट्रभक्ति को ही रामभक्ति बताया। एतिहासिक स्थल सीतापाठा के विकास का वीडा उठाये नगर परिषद खनियाधाना के सीएमओ विनय कुमार भटट , संजू शर्मा एवं उनके अन्य सहयोगियों को साधुवाद देते हुये महाराजश्री ने उन्हें एैसे पुनीत कार्यों में सहयोग की जनमानस से अपील की। आज रविवार 16 फरवरी को श्रीमदभागवतकथा के प्रथम दिवस श्रीगणेशपूजन के साथ भव्य कलशयात्रा सीतापाठा शिवमंदिर से प्रारंभ होकर कथास्थल तक पहुंची। जहां बडी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुये। आज की कथा श्रवण कराते हुये महाराज श्री ने भागवतकथा श्रवण करने का अवसर कई पुण्यों के पश्चात मनुष्य को मिल पाता है बताया। साथ ही उन्होंने कथा आयोजन नगर परिषद के सीएमओ को सीतापाठा के विकास एवं श्रीमदभागवतकथा रूपी गंगा का भागीरथ बताते हुये क्षेत्रीय विधायक केपीसिंह की सराहना की और कहा कि उनके प्रयास से इस एतिहासिक स्थल एवं क्षेत्र का विकास किया जा रहा है। इसके लिये उन्हें साधुवाद दिया। बडी संख्या में कथा पाण्डाल में उपस्थित श्रद्धालुओं को सुमधुर भजनों के साथ आनंदित करते हुये भागवतभूषण श्री ब्यास ने ज्ञानोपदेश देते हुये ईश्वर के स्वरूप को परिभाषित करते हुये कहा कि भगवान सत चित आनंद स्वरूप हैं। उन्होंने कहा कि सत प्रकट है, चित मौन है और आनंद अप्रकट है। आनंद मनुष्य के अंदर होता है। आनंद दो प्रकार के हाते हैं , एक साधन जन्य आनंद और दूसरा स्वयं सिद्धि आनंद । जो साधन के समाप्त हो जाने आनंद समाप्त हो जाता है उसे साधन जन्य आनंद कहते हैं। जो स्वयं के द्वारा किये गये कार्य से प्रकट होता है उसे स्वयं सिद्धि आनंद कहते हैं। महाराजश्री ने बताया कि संत का छड और अन्न का कण कभी बेकार नहीं जाता। इसके अलावा महाराजश्री ने श्रीमदभागवतकथा के दौरान भगवान के संकीर्तन व भजन के संगीतमय स्वरों से श्रोताओं का आनंदित किया। श्रीमदभागवतकथा के शुभारंभ के अवसर पर कांग्रेस नेता संजय शर्मा संजू ने महाराजश्री का आभार प्रकट करते हुये श्रोताओं को बडी संख्या में भागवतकथा रूपी गंगा में डुबकी लेने की बात कही। वहीं सीएमओ विनय कुमार भटट ने सभी उपस्थित जनों का स्वागत करते हुये महाराजश्री से आशीर्वाद प्राप्त किया।
जगह जगह हुआ महाराजश्री का स्वागत
भागवतभूषण पं.रमाकान्त जी ब्यास जिन्हें अक्सर हम टीवी के संस्कार , आस्था, श्रद्धा आदि धार्मिक चैनलों के माध्यम से होते प्रसारण के जरिये देख व सुन पाते हैं। उनका पिछोर अनुविभाग के खनियाधाना सीतापाठा एतिहासिक स्थल पर कथा के दौरान आगमन से क्षेत्रवासियों ने हर्ष जताते हुये उनका जगह जगह स्वागत किया। महाराज श्री इस मौके पर पिछोर से निकलते हुये गोकुलधाम श्री हरि मंदिर पर पहुंचे जहां उन्हेांने ठाकुरजी के चरणों की बंदना कर आशीर्वाद लिया। खनियाधाना नगर में डा हेमंत के निज निवास पर स्वागत किया जाकर कथा के दौरान महाराजश्री के विश्राम की व्यवस्था की गई। इस दौरान महाराज श्री के शिष्यगण बडी संख्या में उनका आशीर्वाद लेने खनियाधाना पहुंचे।
कलशयात्रा के दौरान पैदल चलकर व्यक्त की श्रद्धा
नगर परिषद खनियाधाना द्वारा आयोजित श्रीमदभागवत कथा एवं शिवरात्री मेला महोत्सव के दौरान अमरशहीद चंद्रशेखर आजाद की कर्मस्थली पर आयोजित समारोह के शुभारंभ के अवसर पर शिवमंदिर से निकालीगई कलशयात्रा के दौरान अमर शहीद चंद्रशेखर के प्रति राष्ट्रप्रेम की भावना व एतिहासिक स्थल के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुये महाराजश्री कलशयात्रा के दौरान पैदल चलकर कथास्थल तक पहुंचे।
•श्रीमदभागवत कथा के शुभारंभ के साथ सीतापाठा महाशिवरात्री महोत्सव प्रारंभ
•शिवमंदिर से कथास्थल पर गाजे बाजे से निकली कलश यात्रा
अमर शहीद चन्द्रशेखर की कर्मस्थली पर भव्य मेला सहित धार्मिक आयोजन, उत्सव का माहौल ब्याप्त
•नगर परिषद ने एतिहासिक स्थल सीतापाठा को विकसित करने का छेडा अभियान
शिवपुरी । शिवपुरी जिले के पिछोर अनुविभाग अंतर्गत खनियाधाना नगर में स्थित एतिहासिक स्थल सीतापाठा को विकसित करने का संकल्प खनियाधाना नगर परिषद द्वारा लेते हुये यहां भव्य मेला सहित भागवतभूषण पं.रमाकान्त जी ब्यास के श्रीमुखारविंद से श्रीमदभागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। जहां अमर शहीद चंन्द्रशेखर आजाद ने अंग्रेजों से लोहा लेते हुये स्वतंत्रता संग्राम के समय छःमाह यहां रहकर गुजारे थे। झांसी व ओरछा में क्रांति की अलख यहां रहकर जगाई एैसे अनुकरण्ीाय एतिहासिक स्थल सीतापाठा पर श्रीमदभागवतकथा करने का सौभाग्य मानते हुये महाराज श्री रमाकान्तजी ब्यास ने आज शुभारंभ के अवसर पर सर्वप्रथम सीतापाठा महादेव मंदिर में दर्शनलाभ लिये तत्पश्चात वे अमर शहीद चन्द्रशेखर की प्रतिमा के समीप पहुंचे और माल्यार्पण कर उनकी राष्ट्रभक्ति को प्रणाम किया। इस मौके पर उन्होंने राष्ट्रभक्ति को ही रामभक्ति बताया। एतिहासिक स्थल सीतापाठा के विकास का वीडा उठाये नगर परिषद खनियाधाना के सीएमओ विनय कुमार भटट , संजू शर्मा एवं उनके अन्य सहयोगियों को साधुवाद देते हुये महाराजश्री ने उन्हें एैसे पुनीत कार्यों में सहयोग की जनमानस से अपील की। आज रविवार 16 फरवरी को श्रीमदभागवतकथा के प्रथम दिवस श्रीगणेशपूजन के साथ भव्य कलशयात्रा सीतापाठा शिवमंदिर से प्रारंभ होकर कथास्थल तक पहुंची। जहां बडी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुये। आज की कथा श्रवण कराते हुये महाराज श्री ने भागवतकथा श्रवण करने का अवसर कई पुण्यों के पश्चात मनुष्य को मिल पाता है बताया। साथ ही उन्होंने कथा आयोजन नगर परिषद के सीएमओ को सीतापाठा के विकास एवं श्रीमदभागवतकथा रूपी गंगा का भागीरथ बताते हुये क्षेत्रीय विधायक केपीसिंह की सराहना की और कहा कि उनके प्रयास से इस एतिहासिक स्थल एवं क्षेत्र का विकास किया जा रहा है। इसके लिये उन्हें साधुवाद दिया। बडी संख्या में कथा पाण्डाल में उपस्थित श्रद्धालुओं को सुमधुर भजनों के साथ आनंदित करते हुये भागवतभूषण श्री ब्यास ने ज्ञानोपदेश देते हुये ईश्वर के स्वरूप को परिभाषित करते हुये कहा कि भगवान सत चित आनंद स्वरूप हैं। उन्होंने कहा कि सत प्रकट है, चित मौन है और आनंद अप्रकट है। आनंद मनुष्य के अंदर होता है। आनंद दो प्रकार के हाते हैं , एक साधन जन्य आनंद और दूसरा स्वयं सिद्धि आनंद । जो साधन के समाप्त हो जाने आनंद समाप्त हो जाता है उसे साधन जन्य आनंद कहते हैं। जो स्वयं के द्वारा किये गये कार्य से प्रकट होता है उसे स्वयं सिद्धि आनंद कहते हैं। महाराजश्री ने बताया कि संत का छड और अन्न का कण कभी बेकार नहीं जाता। इसके अलावा महाराजश्री ने श्रीमदभागवतकथा के दौरान भगवान के संकीर्तन व भजन के संगीतमय स्वरों से श्रोताओं का आनंदित किया। श्रीमदभागवतकथा के शुभारंभ के अवसर पर कांग्रेस नेता संजय शर्मा संजू ने महाराजश्री का आभार प्रकट करते हुये श्रोताओं को बडी संख्या में भागवतकथा रूपी गंगा में डुबकी लेने की बात कही। वहीं सीएमओ विनय कुमार भटट ने सभी उपस्थित जनों का स्वागत करते हुये महाराजश्री से आशीर्वाद प्राप्त किया।
जगह जगह हुआ महाराजश्री का स्वागत
भागवतभूषण पं.रमाकान्त जी ब्यास जिन्हें अक्सर हम टीवी के संस्कार , आस्था, श्रद्धा आदि धार्मिक चैनलों के माध्यम से होते प्रसारण के जरिये देख व सुन पाते हैं। उनका पिछोर अनुविभाग के खनियाधाना सीतापाठा एतिहासिक स्थल पर कथा के दौरान आगमन से क्षेत्रवासियों ने हर्ष जताते हुये उनका जगह जगह स्वागत किया। महाराज श्री इस मौके पर पिछोर से निकलते हुये गोकुलधाम श्री हरि मंदिर पर पहुंचे जहां उन्हेांने ठाकुरजी के चरणों की बंदना कर आशीर्वाद लिया। खनियाधाना नगर में डा हेमंत के निज निवास पर स्वागत किया जाकर कथा के दौरान महाराजश्री के विश्राम की व्यवस्था की गई। इस दौरान महाराज श्री के शिष्यगण बडी संख्या में उनका आशीर्वाद लेने खनियाधाना पहुंचे।
कलशयात्रा के दौरान पैदल चलकर व्यक्त की श्रद्धा
नगर परिषद खनियाधाना द्वारा आयोजित श्रीमदभागवत कथा एवं शिवरात्री मेला महोत्सव के दौरान अमरशहीद चंद्रशेखर आजाद की कर्मस्थली पर आयोजित समारोह के शुभारंभ के अवसर पर शिवमंदिर से निकालीगई कलशयात्रा के दौरान अमर शहीद चंद्रशेखर के प्रति राष्ट्रप्रेम की भावना व एतिहासिक स्थल के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुये महाराजश्री कलशयात्रा के दौरान पैदल चलकर कथास्थल तक पहुंचे।
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