जिद्दी रिपोर्टर अपडेट..... लामबंद होकर पटवारी उतरे मैदान में बोले-तहसीलदार को हटाओ, नहीं तो कर देंगे काम ठप्प तहसीलदार और पटवारी एक ...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट.....
22 सीमांकन भी नहीं होने से प्रशासनिक कार्य में बाधा का जिक्र करते हुए तीन दिन में स्पष्टीकरण देने को कहा था। दरअसल इसी नोटिस से खफा होकर पटवारी लामबंद हो गए और आज मैदान में उतर आए। तहसीलदार और पटवारी एक दूसरे पर भू माफिया से साठगांठ के आरोप भी लगा रहे हैं।
लामबंद होकर पटवारी उतरे मैदान में बोले-तहसीलदार को हटाओ, नहीं तो कर देंगे काम ठप्प
तहसीलदार और पटवारी एक दूसरे पर लगा रहे भू-माफिया से साठगांठ के आरोप
शिवपुरी। नईदुनिया प्रतिनिधि
शहर में मंगलवार को तहसील गलियारा एकाएक सुर्खियों में आ गया। जब तहसीलदार भूपेन्द्र कुशवाह और पटवारी आमने सामने हो गए। पटवारियों ने लामबंद होकर जिला प्रशासन को ज्ञापन दे डाला। इसमें गंभीर आरोप लगाते हुए तहसीलदार को शिवपुरी से हटाने की मांग कर डाली। यह कदम इसलिए उठाया गया कि एक दिन पहले तहसीलदार कुशवाह ने आरआई नीतेन्द्र श्रीवास्तव को एक नोटिस थमाया था। इसमें 181 पर 14 लंबित शिकायतों का निराकरण न किए जाने का उल्लेख था।
सीमांकन हो गया फिर भी नोटिस
आरआई नीतेन्द्र श्रीवास्तव को दिए गए जिस नोटिस को लेकर बबाल खड़ा हुआ है उसे लेकर ज्ञापन में लिखा है कि बीते रोज सोशल साइट के जरिए नोटिस दिया गया। इसमें मनियर के जिस सीमांकन को न किए जाने का उल्लेख किया गया है। वह समय अवधि में निराक्रत हो गया। पोर्टल पर अपलोड हो गया। यहां तक कि स्थल जांच न्यायालय में प्रस्तुत की जा चुकी है। पटवारियों का कहना है कि इनको तहसील से हटाकर अन्यत्र पदस्थ किया जाए, वरना ये कर्मचारियों का शोषण करते रहेंगे। हम उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
पटवारी बोले-भू माफिया से हैं साठगांठ
जो ज्ञापन संयुक्त मोर्चा राजस्व निरीक्षक व पटवारी संघ जिला शिवपुरी की ओर से अध्यक्ष नीतेन्द्र श्रीवास्तव मध्यप्रदेश राजस्व निरीक्षक संघ, गोबिंद श्रीवास्तव अध्यक्ष मध्यप्रदेश पटवारी संघ व सचिव धीरज सिंह परिहार की ओर से कलेक्टर के नाम सौंपा गया। उसमें तहसीलदार पर भू-माफियाओं के संपर्क में रहने और उन्हीं के अनुसार पटवारी व राजस्व निरीक्षक से कार्य कराने का दबाव बनाने की बात कही है। भू-माफियाओं के अनुसार कार्य न करने पर पटवारी व राजस्व निरीक्षक के खिलाफ उनका दंडित करने व अन्यत्र प्रदस्थ करने के लिए पत्र लिखा जाता है। मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान किया जाता है। अगले आरोप में लिखा है कि पटवारी मीटिंग का आयोजन आनन-फानन में किया जाता है। पटवारी अनुपस्थित रहते हैं तो आवश्यक कार्य में देरी होती है।
वेतन तक रोक देते हैं तहसीलदार
पटवारियों ने तहसीलदार पर आरोप लगाया कि वे हर माह किसी न किसी का बिना कारण वेतन रोक देते हैं। होली पर रघुवीर शर्मा, विवेक रावत, सुरेश आर्य, मुकेश चौधरी का वेतन रोक दिया, जबकि त्योहार पर किसी का वेतन नहीं रोका जाना चाहिए। निलंबित पटवारी चंदनसिंह वर्मा को जनवरी से जीवन निर्वाह भत्ता की बड़ी हुई राशि न देकर नोटशीट वापस भेजी जा रही है। दीपशिखा शाक्य को अक्टूबर 2016 का वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा।
सेवा पुस्तिका का नहीं कर रहे सत्यापन
तहसीलदार पर आरोप है कि वे पटवारियों की सेवा पुस्तिका का सत्यापन कोष व लेखा से नहीं करा रहे, जिससे सातवें वेतनमान का भुगतान नहीं हो रहा। डायवर्सन और बैंक वसूली सहित अन्य वसूली जो कि तहसीलदार की मौजूदगी में होना चाहिए। वह उनके द्वारा नहीं की जाती और आरआई और पटवारियों पर नोटिस देकर दबाव बनाया जाता है।
तहसीलदार बोले भू-माफियाओं से हैं साठगांठ नहीं करते काम
तहसीलदार कुशवाह ने भी पटवारियों को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि सभी पटवारी एक से नहीं हैं, लेकिन कुछ नेता पटवारी मनमानी पर उतारू हैं, वे नौकरी से ज्यादा जमीनों का कारोबार करने में जुटे हैं। उन्हें जो काम सौंपा जाता है, करते नहीं हैं। जो पटवारी बेहतर काम करते हैं, उनको भड़काकर अनावश्यक आरोप लगाए जा रहे हैं। उनका कहना है कि मुझ पर भू-माफियाओं से साठगांठ का आरोप वही नेता पटवारी लगा रहे हैं, जो खुद शहर में कई अवैध काम कर रहे हैं और कॉलोनी काट रहे हैं। उनका कहना था कि 181 पर अत्यधिक परेशान लोग ही शिकायत दर्ज कराते हैं। जब उनकी कहीं सुनवाई नहीं होती तो शिकायत ही माध्यम रहता है। पटवारी शिकायत का निराकरण तो नहीं करते, उल्टे नेतागिरी करने में लग जाते हैं।
16 कैप्सन-पटवारी डिप्टी कलेक्टर रवि गुप्ता को तहसीलदार के विरोध में ज्ञापन सौंपते हुए।
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