जिद्दी रिपोर्टर अपडेट...... भोपाल–मुख्यमंत्री द्वारा रविवार को केबिनेट की बैठक बुलाये जाने को ले कर पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा बोले –...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट......
भोपाल–मुख्यमंत्री द्वारा रविवार को केबिनेट की बैठक बुलाये जाने को ले कर पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा बोले – कि जब मंत्री ही नहीं तो केबिनेट की बैठक कैसी ” बता दे की विधायकों बागी होने और सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम हाऊस में आपात बैठक बुलाई थी। जिसमे सिंधिया समर्थक मंत्रियों को छोड़ सभी मंत्री शामिल हुए थे। जिन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर भरोसा जताते हुए अपने इस्तीफे मुख्यमंत्री कमलनाथ को सौंप दिए थे। किन्तु ये सांकेतिक थे जो सिर्फ इस बात की पुष्टि हेतु थे की वे सीएम कमलनाथ के साथ है। जिसे मुख्यमंत्री ने अपने पास तो रखा किन्तु स्वीकार नहीं किया। यदि स्वीकार करते तो इन्हे भी राज्यपाल के पास केबिनेट भंग करने हेतु भेजा जाता। किन्तु ऐसा नहीं हुआ। मुख्यमंत्री ने केवल 6 सिंधिया समर्थक मंत्रियों के नाम ही राजभवन को लिखे पत्र मे मंत्रियों को हटाने की सिफारिश हेतु भेजे थे। और उनके हटाए जाने की घोषणा के बाद उनके विभाग उन्ही मंत्रियों को प्रभार सौपा था जो केबिनेट मंत्री की शपथ पहले ले चुके थे।
भोपाल–मुख्यमंत्री द्वारा रविवार को केबिनेट की बैठक बुलाये जाने को ले कर पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा बोले – कि जब मंत्री ही नहीं तो केबिनेट की बैठक कैसी ” बता दे की विधायकों बागी होने और सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम हाऊस में आपात बैठक बुलाई थी। जिसमे सिंधिया समर्थक मंत्रियों को छोड़ सभी मंत्री शामिल हुए थे। जिन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर भरोसा जताते हुए अपने इस्तीफे मुख्यमंत्री कमलनाथ को सौंप दिए थे। किन्तु ये सांकेतिक थे जो सिर्फ इस बात की पुष्टि हेतु थे की वे सीएम कमलनाथ के साथ है। जिसे मुख्यमंत्री ने अपने पास तो रखा किन्तु स्वीकार नहीं किया। यदि स्वीकार करते तो इन्हे भी राज्यपाल के पास केबिनेट भंग करने हेतु भेजा जाता। किन्तु ऐसा नहीं हुआ। मुख्यमंत्री ने केवल 6 सिंधिया समर्थक मंत्रियों के नाम ही राजभवन को लिखे पत्र मे मंत्रियों को हटाने की सिफारिश हेतु भेजे थे। और उनके हटाए जाने की घोषणा के बाद उनके विभाग उन्ही मंत्रियों को प्रभार सौपा था जो केबिनेट मंत्री की शपथ पहले ले चुके थे।
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