जिद्दी रिपोर्टर अपडेट..... वन बिभाग पिछोर द्वारा दो माह पूर्ब अबैध रेत उत्तखनन में जफ़्त हुआ ट्रेक्टर कागज में पुनः जफ़्त हुआ जांच में सि...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट.....
वन बिभाग पिछोर द्वारा दो माह पूर्ब अबैध रेत उत्तखनन में जफ़्त हुआ ट्रेक्टर कागज में पुनः जफ़्त हुआ जांच में सिद्ध हुआ कि एक ट्रेक्टर पर दूसरी बार प्रकरण दर्ज जबकि ट्रेक्टर जफ़्ती में दो माह से रखा हुआ है जांच के बाद लीपापोती में भिड़ा बन महकमा।
शिबपुरी। मध्यप्रदेश में प्रदेश स्तर से बन महकमे पर सुशासन के नाम पर करोड़ो रूपये सैलाब की तरह बहाए जा रहे है कि जिससे बन महकमे की साख आम जनता में एक सकारात्मक रूप से प्रदर्शित हो सके और आम जन बनाधिकारियो से बेझिझक रूबरू हो सके।
कोरोना जैसे काल मे भी महाकाल बने रेंजर पिछोर दैविक शक्ति से जफ़्ती में रखा ट्रेक्टर पहुचाया जंगल मे
आज जहां पूरा देश कोरोना जैसी बेश्विक महामारी के संकट से जूझ रहा है और और हर व्यक्ति को अपनी जान की फिक्र सताए जा रही है इसके लिए सरकार भी तरह तरह की मदद कर रही है और समाजसेबी भी हर संभव प्रयास कर रहे है कि कोई व्यक्ति परेशान न हो पुलिश भी आज उस रूप में पेश आ रही है जैसे भगवान का रूप हो लेकिन इस समय मे भी कुछ अधिकारी भरस्टाचार करने से बाज नही आ रहे है इसका जीबन्त उदाहरण है बन परिचेत्र पिछोर।
दो माह पहले जफ़्त हुआ ट्रेक्टर दो माह बाद आज पुनः जफ़्त होकर जिंदा हो गया कागजो में
बन परिचेत्र पिछोर में जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कागजो में दो माह पूर्व अबैध रेत से भरा हुआ जफ़्त ट्रेक्टर दो माह बाद आज पुनः जफ़्त हो गया जबकि दो माह पूर्ब ही जफ़्ती का प्रकरण बनाकर जफ़्ती में रखा हुआ है अब ऐसी क्या मजबूरी आन पड़ी जिम्मेदार अफसरान को ?
पिछोर बन भूमि में से अबैध रेत और अबैध बृक्ष और अबैध पत्थर तो बर्षो से सरेआम लुटते कटते चर्चा में सुनते आ रहे होंगे लेकिन अबैध रेत का ट्रेक्टर पकड़कर दो महीने बाद फिर उसी ट्रेक्टर पर पुनः जफ़्ती का प्रकरण बनाकर कारवाही करने का पहला मामला आपके सामने आया।
जिले स्तर से मामला जांच में सिद्ध होने पर जिम्मेदार भिड़े युद्ध स्तर पर काला पीला करने की जुगत में।
जिला प्रशासन से अनुरोध है कि बन परिचेत्र पिछोर के हर कार्य की जांच हो जिसे और भी काले कृत्य सामने आ सके क्योंकि जब ऐसा एक मामला सामने आया तो ऐसे कितने मामले होंगे जो द्वेष पूर्ण भावना से जबरन थोपे जा रहे होंगे।
1- इस मामले में डी एफ ओ शिबपुरी लबित भारती से चर्चा की तो उनका कहना है कि एस डी ओ स्तर पर जांच की जा रही है जांच पूर्ण होने पर निष्पक्ष कारवाही की जाएगी जबकि सूत्रों की माने तो एस डी ओ स्तर से जांच में दोष सिद्ध पाने पर नोटिश भेजकर जबाबी करवाही की गई है अब देखना होगा कि मामले की निष्पक्षता कहा ले जाती है मामले की लीपा पोती क्या रंग लाती है।
2-इस मामले में सी सी एफ साहब शिवपुरी से चर्चा की तो उनका कहना है कि जांच एस डी ओ स्तर पर करबाई जा रही है निष्पक्ष कारवाही की जाएगी।
विचारणीय बिंदु:- जो ट्रेक्टर दो माह पूर्ब रेत के अबैध उत्तखनन में जफ़्ती में रखा गया फिर वह दो माह बाद जंगल मे अबैध उत्तखनन करने कैसे पहुच गया
गुजारिश:-सी. सी. एफ. महोदय संज्ञान में लेकर ऐसे कृत्यों को उजागर कर दोषियों को दंडित करें जिससे भविष्य में कोई भी अधिकारी ऐसे कृत्यों को अंजाम न दे सके और बिभाग की छबि धूमिल न हो सके।
वन बिभाग पिछोर द्वारा दो माह पूर्ब अबैध रेत उत्तखनन में जफ़्त हुआ ट्रेक्टर कागज में पुनः जफ़्त हुआ जांच में सिद्ध हुआ कि एक ट्रेक्टर पर दूसरी बार प्रकरण दर्ज जबकि ट्रेक्टर जफ़्ती में दो माह से रखा हुआ है जांच के बाद लीपापोती में भिड़ा बन महकमा।
शिबपुरी। मध्यप्रदेश में प्रदेश स्तर से बन महकमे पर सुशासन के नाम पर करोड़ो रूपये सैलाब की तरह बहाए जा रहे है कि जिससे बन महकमे की साख आम जनता में एक सकारात्मक रूप से प्रदर्शित हो सके और आम जन बनाधिकारियो से बेझिझक रूबरू हो सके।
कोरोना जैसे काल मे भी महाकाल बने रेंजर पिछोर दैविक शक्ति से जफ़्ती में रखा ट्रेक्टर पहुचाया जंगल मे
आज जहां पूरा देश कोरोना जैसी बेश्विक महामारी के संकट से जूझ रहा है और और हर व्यक्ति को अपनी जान की फिक्र सताए जा रही है इसके लिए सरकार भी तरह तरह की मदद कर रही है और समाजसेबी भी हर संभव प्रयास कर रहे है कि कोई व्यक्ति परेशान न हो पुलिश भी आज उस रूप में पेश आ रही है जैसे भगवान का रूप हो लेकिन इस समय मे भी कुछ अधिकारी भरस्टाचार करने से बाज नही आ रहे है इसका जीबन्त उदाहरण है बन परिचेत्र पिछोर।
दो माह पहले जफ़्त हुआ ट्रेक्टर दो माह बाद आज पुनः जफ़्त होकर जिंदा हो गया कागजो में
बन परिचेत्र पिछोर में जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कागजो में दो माह पूर्व अबैध रेत से भरा हुआ जफ़्त ट्रेक्टर दो माह बाद आज पुनः जफ़्त हो गया जबकि दो माह पूर्ब ही जफ़्ती का प्रकरण बनाकर जफ़्ती में रखा हुआ है अब ऐसी क्या मजबूरी आन पड़ी जिम्मेदार अफसरान को ?
पिछोर बन भूमि में से अबैध रेत और अबैध बृक्ष और अबैध पत्थर तो बर्षो से सरेआम लुटते कटते चर्चा में सुनते आ रहे होंगे लेकिन अबैध रेत का ट्रेक्टर पकड़कर दो महीने बाद फिर उसी ट्रेक्टर पर पुनः जफ़्ती का प्रकरण बनाकर कारवाही करने का पहला मामला आपके सामने आया।
जिले स्तर से मामला जांच में सिद्ध होने पर जिम्मेदार भिड़े युद्ध स्तर पर काला पीला करने की जुगत में।
जिला प्रशासन से अनुरोध है कि बन परिचेत्र पिछोर के हर कार्य की जांच हो जिसे और भी काले कृत्य सामने आ सके क्योंकि जब ऐसा एक मामला सामने आया तो ऐसे कितने मामले होंगे जो द्वेष पूर्ण भावना से जबरन थोपे जा रहे होंगे।
1- इस मामले में डी एफ ओ शिबपुरी लबित भारती से चर्चा की तो उनका कहना है कि एस डी ओ स्तर पर जांच की जा रही है जांच पूर्ण होने पर निष्पक्ष कारवाही की जाएगी जबकि सूत्रों की माने तो एस डी ओ स्तर से जांच में दोष सिद्ध पाने पर नोटिश भेजकर जबाबी करवाही की गई है अब देखना होगा कि मामले की निष्पक्षता कहा ले जाती है मामले की लीपा पोती क्या रंग लाती है।
2-इस मामले में सी सी एफ साहब शिवपुरी से चर्चा की तो उनका कहना है कि जांच एस डी ओ स्तर पर करबाई जा रही है निष्पक्ष कारवाही की जाएगी।
विचारणीय बिंदु:- जो ट्रेक्टर दो माह पूर्ब रेत के अबैध उत्तखनन में जफ़्ती में रखा गया फिर वह दो माह बाद जंगल मे अबैध उत्तखनन करने कैसे पहुच गया
गुजारिश:-सी. सी. एफ. महोदय संज्ञान में लेकर ऐसे कृत्यों को उजागर कर दोषियों को दंडित करें जिससे भविष्य में कोई भी अधिकारी ऐसे कृत्यों को अंजाम न दे सके और बिभाग की छबि धूमिल न हो सके।

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