जिद्दी रिपोर्टर अपडेट...... •खेतों में फैला पानी से हो रहे है संक्रामक रोग •प्रशासन बेखबर सामने है, बारिश का मौस •नाले का पक्का...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट......
•खेतों में फैला पानी से हो रहे है संक्रामक रोग
•प्रशासन बेखबर सामने है, बारिश का मौस
•नाले का पक्का निर्माण ना होने से नागदा तालाब में नहीं पहुंच रहा पानी
शिवपुरी। शिवपुरी जिले के पिछोर नगर में यूं तो विकास के तमाम कार्य हुये हैं व नगर परिषद द्वारा समय समय पर जारी रहते हैं। लेकिन नगर की बस्ती से निकले मुख्य नाले के पक्के निर्माण का कार्य पिछोर के दबंगों की दबंगई के चलते अब तक खटाई में डला हुआ है। पिछोर नगर के मुख्य व बडे तालाब नागदा तालाब में वारह महीने जल पहुंचने का स्त्रोत कहा जाने वाले पिछोर बस्ती के पानी निकास का उक्त नाला बस्ती के मध्य से निकलता हुआ नागदा तालाब में पहुंचता है। लेकिन इन नाले का पक्का निर्माण ना होने की बजह से यह नाला आगे जाकर खेतों में फैलता दिखाई पडता है। जिससे इसके पानी का स्त्रोत तितर वितर हो जाता है और बरसात के दिनों में जितना पानी नाले के माध्यम से नागदा तालाब को मिलना चाहिये उतना नहीं मिल पाता है। बताया जाता है कि कई महीनों पूर्व नगर परिषद द्वारा इस नाले के निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया था। जो महज 10 से 20 प्रतिशत ही पूर्ण हो सका। क्योंकि कुछ दबंग लोगों द्वारा अपने निजी स्वार्थ के चलते इस नाले के निर्माण कार्य में बाधा बनते हुये अपनी भूमि में से नाला निकाले जाने पर विरोध जताया और नाले का निर्माण कार्य रूकवा दिया। जैसा कि विधिसंगत बताया गया है कि पानी और हवा के निकास में कोई भी व्यक्ति व स्थान वाधक नहीं बन सकता। तब एैसे में वस्ती के सार्वजनिक पानी के निकास में भला कोई वाधा कैसे उत्पन्न कर सकता है। इसी नियम के चलते यदि प्रशासन चाहे तो पानी के निकास में वाधक बनने वालों को समझाईश देकर अथवा कानूनी कार्यवाही के माध्यम से नगर के मध्य से निकले नगर के पानी निकास नाले को पक्का निर्माण करवाते हुये नागदा तालाब तक पहुंचाया जा सकता है। जिससे ना केवल नागदा तालाब को मिलने वाले पानी के स्त्रोत को व्यवस्थित किया जा सकेगा साथ ही नगर के मध्य व खेतों में फैलने वाली अवरोधित गंदगी से बीमारी होने क खतरे से भी बचा जा सकेगा। अब देखना यह है कि नगर प्रशासन आखिर कब इस ओर ध्यान देकर नगर के मुख्य नाले का पक्का निर्माण कराकर इसको व्यवस्थित कर पाता है।
गंदगी फैलने से बस्ती का हो रहा है वातारण दूषित
पिछोर नगर वस्ती से नागदा तालाब की ओर जाने वाले नाले का पक्का निर्माण ना होने से एवं बीच में नाला अवरोधित होने से गंदगी का विस्तार हो रहा है। जिससे पास ही बने निजी विद्यालय, एवं घनी वस्ती में दूषित वातावरण निर्मित हो रहा है। यदि इस नाले का पक्का निर्माण कराकर इसे व्यवस्थित नहीं किया गया तो इस नाले के अवरोधित होने के कारण निर्मित दूषित वातावरण से बीमारियां फैलने की भी संभावना व्यक्त की जा रही है।
इनका कहना है-
इस संबंध में मुझे जानकारी प्राप्त हुई है। पूर्व में नाले का पक्का निर्माण कराया जा रहा था फिर क्यों रोकना पडा। इस संबंध में जांच करवाते हुये शीघ्र ही इस समस्या के निराकरण पर विचार किया जावेगा। जनहित में जो भी संभव होगा नगर परिषद द्वारा शीघ्र कार्यवाही की जावेगी।
विनय कुमार भटट, सीएमओ, नगर परिषद, पिछोर
•खेतों में फैला पानी से हो रहे है संक्रामक रोग
•प्रशासन बेखबर सामने है, बारिश का मौस
•नाले का पक्का निर्माण ना होने से नागदा तालाब में नहीं पहुंच रहा पानी
शिवपुरी। शिवपुरी जिले के पिछोर नगर में यूं तो विकास के तमाम कार्य हुये हैं व नगर परिषद द्वारा समय समय पर जारी रहते हैं। लेकिन नगर की बस्ती से निकले मुख्य नाले के पक्के निर्माण का कार्य पिछोर के दबंगों की दबंगई के चलते अब तक खटाई में डला हुआ है। पिछोर नगर के मुख्य व बडे तालाब नागदा तालाब में वारह महीने जल पहुंचने का स्त्रोत कहा जाने वाले पिछोर बस्ती के पानी निकास का उक्त नाला बस्ती के मध्य से निकलता हुआ नागदा तालाब में पहुंचता है। लेकिन इन नाले का पक्का निर्माण ना होने की बजह से यह नाला आगे जाकर खेतों में फैलता दिखाई पडता है। जिससे इसके पानी का स्त्रोत तितर वितर हो जाता है और बरसात के दिनों में जितना पानी नाले के माध्यम से नागदा तालाब को मिलना चाहिये उतना नहीं मिल पाता है। बताया जाता है कि कई महीनों पूर्व नगर परिषद द्वारा इस नाले के निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया था। जो महज 10 से 20 प्रतिशत ही पूर्ण हो सका। क्योंकि कुछ दबंग लोगों द्वारा अपने निजी स्वार्थ के चलते इस नाले के निर्माण कार्य में बाधा बनते हुये अपनी भूमि में से नाला निकाले जाने पर विरोध जताया और नाले का निर्माण कार्य रूकवा दिया। जैसा कि विधिसंगत बताया गया है कि पानी और हवा के निकास में कोई भी व्यक्ति व स्थान वाधक नहीं बन सकता। तब एैसे में वस्ती के सार्वजनिक पानी के निकास में भला कोई वाधा कैसे उत्पन्न कर सकता है। इसी नियम के चलते यदि प्रशासन चाहे तो पानी के निकास में वाधक बनने वालों को समझाईश देकर अथवा कानूनी कार्यवाही के माध्यम से नगर के मध्य से निकले नगर के पानी निकास नाले को पक्का निर्माण करवाते हुये नागदा तालाब तक पहुंचाया जा सकता है। जिससे ना केवल नागदा तालाब को मिलने वाले पानी के स्त्रोत को व्यवस्थित किया जा सकेगा साथ ही नगर के मध्य व खेतों में फैलने वाली अवरोधित गंदगी से बीमारी होने क खतरे से भी बचा जा सकेगा। अब देखना यह है कि नगर प्रशासन आखिर कब इस ओर ध्यान देकर नगर के मुख्य नाले का पक्का निर्माण कराकर इसको व्यवस्थित कर पाता है।
गंदगी फैलने से बस्ती का हो रहा है वातारण दूषित
पिछोर नगर वस्ती से नागदा तालाब की ओर जाने वाले नाले का पक्का निर्माण ना होने से एवं बीच में नाला अवरोधित होने से गंदगी का विस्तार हो रहा है। जिससे पास ही बने निजी विद्यालय, एवं घनी वस्ती में दूषित वातावरण निर्मित हो रहा है। यदि इस नाले का पक्का निर्माण कराकर इसे व्यवस्थित नहीं किया गया तो इस नाले के अवरोधित होने के कारण निर्मित दूषित वातावरण से बीमारियां फैलने की भी संभावना व्यक्त की जा रही है।
इनका कहना है-
इस संबंध में मुझे जानकारी प्राप्त हुई है। पूर्व में नाले का पक्का निर्माण कराया जा रहा था फिर क्यों रोकना पडा। इस संबंध में जांच करवाते हुये शीघ्र ही इस समस्या के निराकरण पर विचार किया जावेगा। जनहित में जो भी संभव होगा नगर परिषद द्वारा शीघ्र कार्यवाही की जावेगी।
विनय कुमार भटट, सीएमओ, नगर परिषद, पिछोर
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