जिद्दी रिपोर्टर अपडेट.... •45 हजार मतदाताओ का जनाधार होने के कारण बौखला रहे है कुछ उम्मीदवार •इनमें से कुछ उम्मीदवार तो स्वयं कुछ समय...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट....
•45 हजार मतदाताओ का जनाधार होने के कारण बौखला रहे है कुछ उम्मीदवार
•इनमें से कुछ उम्मीदवार तो स्वयं कुछ समय पूर्व में कांग्रेस की सदस्यता लेकर दलबदलू है
करैरा :- करैरा में कांग्रेस पार्टी में कितनी एकता है यह बात अब सामने दिखाई देने लगी है । जब से बीएसपी त्यागकर प्रागीलाल जाटव ने कांग्रेस थामी है तब से पूर्व में स्वयं घोषित उम्मीदवार मानो इतना बौखला गये है जैसे कांग्रेस ने प्रागीलाल को टिकिट ही सौंप दिया हो । जबकी प्रागीलाल ने खुद खुले मंच से हर बार कहा है कि किसी को भी टिकिट मिले हमे उसी को जिताना है । लेकिन कुछ उम्मीदवार तो अपने अंदर इतना डर महसूस कर रहे है कि वह प्रागीलाल जाटव को अपना प्रतिद्वंद्वी समझ रहे है वह भाजपा के उम्मीदवार जसवंत जाटव की जगह प्रागीलाल जाटव से चुनाव लड़ रहे हो । कुछ उम्मीदवार द्वारा पर्यवेक्षक को एक ज्ञापन दिया गया कि प्रागीलाल को टिकिट मिला तो हम सभी दावेदार चुनाव में काम नही करेंगे । इन दावेदारो को खुद बगीचा सरकार पर कसम खाकर बोलना चाहिये कि जब कांग्रेस ने जसवंत जाटव को टिकिट दिया था तब हमने ईमानदारी से सहयोग करा था । जितने उम्मीदवार पर्यवेक्षक के पास गये थे उनमें से सवा साल से एक भी व्यक्ति जनता के लिये सड़क पर नही आया । जो थोड़ा बहुत दिख रहे थे वह अपने जिला पंचायत बनने के लिये मेहनत कर रहे थे । कुछ उम्मीदवार भी इनमें ऐसे है जिन्होंने भाजपा , बसपा एवं अन्य दल के साथ रहने के बाद अब कांग्रेस के सच्चे सिपाही बनकर घूम रहे है । मेरे लिये प्रागीलाल से कोई बास्ता नही लेकिन इतना ईमानदार बनकर तुम लोग विरोध कर रहे है यह बात बस लोगो को पच नही रही है । आखिरकार कहा कांग्रेस के संगठन के कर्ता धर्ता कही यही उम्मीदवार ही कांग्रेस को अर्श से फर्श में न मिला दे । खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा में शामिल किया गया एवं राज्यसभा से सांसद भी बनाया गया जहां उनके धुर विरोधी प्रभात जगह की सीट थी वह खाली हुई । लेकिन कांग्रेस में कुछ अलग ही प्रथा देखने मिल रही है और कोई उम्मीदवार के प्रचार प्रसार न करने से कोई प्रभाव भी नही पड़ता है जिसका योग प्रबल होता है वही चुनाव जीतता है ।
सौरभ भार्गव
9713252020
•45 हजार मतदाताओ का जनाधार होने के कारण बौखला रहे है कुछ उम्मीदवार
•इनमें से कुछ उम्मीदवार तो स्वयं कुछ समय पूर्व में कांग्रेस की सदस्यता लेकर दलबदलू है
करैरा :- करैरा में कांग्रेस पार्टी में कितनी एकता है यह बात अब सामने दिखाई देने लगी है । जब से बीएसपी त्यागकर प्रागीलाल जाटव ने कांग्रेस थामी है तब से पूर्व में स्वयं घोषित उम्मीदवार मानो इतना बौखला गये है जैसे कांग्रेस ने प्रागीलाल को टिकिट ही सौंप दिया हो । जबकी प्रागीलाल ने खुद खुले मंच से हर बार कहा है कि किसी को भी टिकिट मिले हमे उसी को जिताना है । लेकिन कुछ उम्मीदवार तो अपने अंदर इतना डर महसूस कर रहे है कि वह प्रागीलाल जाटव को अपना प्रतिद्वंद्वी समझ रहे है वह भाजपा के उम्मीदवार जसवंत जाटव की जगह प्रागीलाल जाटव से चुनाव लड़ रहे हो । कुछ उम्मीदवार द्वारा पर्यवेक्षक को एक ज्ञापन दिया गया कि प्रागीलाल को टिकिट मिला तो हम सभी दावेदार चुनाव में काम नही करेंगे । इन दावेदारो को खुद बगीचा सरकार पर कसम खाकर बोलना चाहिये कि जब कांग्रेस ने जसवंत जाटव को टिकिट दिया था तब हमने ईमानदारी से सहयोग करा था । जितने उम्मीदवार पर्यवेक्षक के पास गये थे उनमें से सवा साल से एक भी व्यक्ति जनता के लिये सड़क पर नही आया । जो थोड़ा बहुत दिख रहे थे वह अपने जिला पंचायत बनने के लिये मेहनत कर रहे थे । कुछ उम्मीदवार भी इनमें ऐसे है जिन्होंने भाजपा , बसपा एवं अन्य दल के साथ रहने के बाद अब कांग्रेस के सच्चे सिपाही बनकर घूम रहे है । मेरे लिये प्रागीलाल से कोई बास्ता नही लेकिन इतना ईमानदार बनकर तुम लोग विरोध कर रहे है यह बात बस लोगो को पच नही रही है । आखिरकार कहा कांग्रेस के संगठन के कर्ता धर्ता कही यही उम्मीदवार ही कांग्रेस को अर्श से फर्श में न मिला दे । खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा में शामिल किया गया एवं राज्यसभा से सांसद भी बनाया गया जहां उनके धुर विरोधी प्रभात जगह की सीट थी वह खाली हुई । लेकिन कांग्रेस में कुछ अलग ही प्रथा देखने मिल रही है और कोई उम्मीदवार के प्रचार प्रसार न करने से कोई प्रभाव भी नही पड़ता है जिसका योग प्रबल होता है वही चुनाव जीतता है ।
सौरभ भार्गव
9713252020
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