जिद्दी रिपोर्टर अपडेट..... इंदौर -चर्चित हनीट्रैप मामले की हनी श्वेता जैन और बरखा सोनी जल्द से बाहर आ सकती है। जेल की तरफ से जमानत का ...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट.....
इंदौर -चर्चित हनीट्रैप मामले की हनी श्वेता जैन और बरखा सोनी जल्द से बाहर आ सकती है। जेल की तरफ से जमानत का प्रस्ताव कोर्ट में भेजा गया है। अगर सबकुछ सही रहा तो श्वेता और बरखा जल्द रिहा हो सकती है। हालांकि इनकी जमानत पर आखिरी फैसला अब कोर्ट को करना है। दरअसल कोरोना संकट के चलते जेल के अंदर कैदियों की संख्या को कम किए जाने का फैसला शासन स्तर पर लिया गया है और सजायाफ्ता कैदियों को 120 दिन की पैरोल दी गई है वहीं विचाराधीन कैदियों की अंतरिम जमानत के प्रस्ताव कोर्ट को भेजे जा रहे हैं और इनमें श्वेता स्वप्निल जैन और बरखा सोनी का भी नाम है।
दोनों की जमानत के लिए प्रस्ताव में इस बात का उल्लेख किया गया है कि कोरोना संक्रमण के चलते जेल में बंद कैदियों की संख्या कम की जानी है। आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण की वजह से जेल में कैदियों की संख्या कम करने के लिए नया नियम लागू किया गया है. इस नियम के मुताबिक 7 साल या उससे कम सजा पाने वाले कैदियों की रिहाई की जा रहा है. हालांकि इस पर अंतिम फैसला कोर्ट करती है।
दरअसल कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए इंदौर जिला जेल की तरफ से 100 से अधिक कैदियों को छोड़ने का एक प्रस्ताव अदालत के पास भेजा गया है। ये ऐसे आरोपी हैं जिन्हें अधिकतम सात साल की सजा हो सकती है या हो चुकी है, इन्हीं में हनी ट्रेप से जुड़ी श्वेता स्वप्निल और बरखा सोनी का भी नाम शामिल है। जेल अधीक्षक के मुताबिक इन्दौर की जेलों में ओवर क्राउड कम करने के लिए नियम पारित किए गए हैं।
9 महीने से जेल में बंद हैं हनीट्रैप के आरोपी
पुलिस ने हनी ट्रेप का मामला उजागर कर श्वेता स्वप्निल, श्वेता विजय जैन, बरखा सोनी, आरती दयाल और एक छात्रा को गिरफ्तार किया था। सभी आरोपी पुलिस रिमांड पर रहे। इसके बाद करीबन 9 महीने से यह सभी आरोपित जिला जेल में ही हैं। इन्होंने जमानत पर छूटने के प्रयास किए, लेकिन कोर्ट का फैसला इनके पक्ष में नहीं आया।
इंदौर -चर्चित हनीट्रैप मामले की हनी श्वेता जैन और बरखा सोनी जल्द से बाहर आ सकती है। जेल की तरफ से जमानत का प्रस्ताव कोर्ट में भेजा गया है। अगर सबकुछ सही रहा तो श्वेता और बरखा जल्द रिहा हो सकती है। हालांकि इनकी जमानत पर आखिरी फैसला अब कोर्ट को करना है। दरअसल कोरोना संकट के चलते जेल के अंदर कैदियों की संख्या को कम किए जाने का फैसला शासन स्तर पर लिया गया है और सजायाफ्ता कैदियों को 120 दिन की पैरोल दी गई है वहीं विचाराधीन कैदियों की अंतरिम जमानत के प्रस्ताव कोर्ट को भेजे जा रहे हैं और इनमें श्वेता स्वप्निल जैन और बरखा सोनी का भी नाम है।
दोनों की जमानत के लिए प्रस्ताव में इस बात का उल्लेख किया गया है कि कोरोना संक्रमण के चलते जेल में बंद कैदियों की संख्या कम की जानी है। आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण की वजह से जेल में कैदियों की संख्या कम करने के लिए नया नियम लागू किया गया है. इस नियम के मुताबिक 7 साल या उससे कम सजा पाने वाले कैदियों की रिहाई की जा रहा है. हालांकि इस पर अंतिम फैसला कोर्ट करती है।
दरअसल कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए इंदौर जिला जेल की तरफ से 100 से अधिक कैदियों को छोड़ने का एक प्रस्ताव अदालत के पास भेजा गया है। ये ऐसे आरोपी हैं जिन्हें अधिकतम सात साल की सजा हो सकती है या हो चुकी है, इन्हीं में हनी ट्रेप से जुड़ी श्वेता स्वप्निल और बरखा सोनी का भी नाम शामिल है। जेल अधीक्षक के मुताबिक इन्दौर की जेलों में ओवर क्राउड कम करने के लिए नियम पारित किए गए हैं।
9 महीने से जेल में बंद हैं हनीट्रैप के आरोपी
पुलिस ने हनी ट्रेप का मामला उजागर कर श्वेता स्वप्निल, श्वेता विजय जैन, बरखा सोनी, आरती दयाल और एक छात्रा को गिरफ्तार किया था। सभी आरोपी पुलिस रिमांड पर रहे। इसके बाद करीबन 9 महीने से यह सभी आरोपित जिला जेल में ही हैं। इन्होंने जमानत पर छूटने के प्रयास किए, लेकिन कोर्ट का फैसला इनके पक्ष में नहीं आया।
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