जिद्दी रिपोर्टर अपडेट...... ग्वालियर -प्रदेश में बदले राजनीतिक समीकरणों में ग्वालियर-अंचल का दिल्ली व भोपाल की सत्ता में दबदबा बढ़ा है। ...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट......
ग्वालियर -प्रदेश में बदले राजनीतिक समीकरणों में ग्वालियर-अंचल का दिल्ली व भोपाल की सत्ता में दबदबा बढ़ा है। दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे पावरफुल प्रतिनिधित्व हैं। शिवराज सरकार के 33 सदस्यीय मंत्री मंडल में अंचल के 11 मंत्री हैं। इनमें 6 कैबिनेट व 5 राज्यमंत्री हैं। सरकार में दूसरे नंबर का स्थान रखने वाले नरोत्तम मिश्रा और प्रद्युम्न सिंह तोमर, अरविंद सिंह भदौरिया व इमरती देवी जैसे पावरफुल मंत्री हैं। पहली बार सत्ता के गलियारे में अंचल की राजनीतिक पावर नजर आई है। अगर तालमेल के साथ कार्य किया तो दिल्ली व भोपाल में अटके प्रमुख प्रोजेक्ट स्वीकृत होकर अंचल के विकास में मिल का पत्थर साबित हो सकते हैं।
अंचल के लोगों को उम्मीद है कि अंचल में विकास की ट्रेन दिल्ली-भोपाल राजधानी एक्सप्रेस की गति दौड़ेगी। ग्वालियर को अब चंबल से पानी मिलने की उम्मीद बंधी है, ग्वालियर-श्योपुर के बीच ब्रोडगेज, डीआरडीई को 140 एकड़ जमीन बगैर किसी व्यवधान के मिल सकती है। शिवपुरी को 43 करोड़ की नल-योजना, सोन चिरैया अभ्यारण्य से मुक्ति व भिंड को चंबल प्रोगेस-वे में आई बाधाएं दूर होने की आस है।
ग्वालियर -प्रदेश में बदले राजनीतिक समीकरणों में ग्वालियर-अंचल का दिल्ली व भोपाल की सत्ता में दबदबा बढ़ा है। दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे पावरफुल प्रतिनिधित्व हैं। शिवराज सरकार के 33 सदस्यीय मंत्री मंडल में अंचल के 11 मंत्री हैं। इनमें 6 कैबिनेट व 5 राज्यमंत्री हैं। सरकार में दूसरे नंबर का स्थान रखने वाले नरोत्तम मिश्रा और प्रद्युम्न सिंह तोमर, अरविंद सिंह भदौरिया व इमरती देवी जैसे पावरफुल मंत्री हैं। पहली बार सत्ता के गलियारे में अंचल की राजनीतिक पावर नजर आई है। अगर तालमेल के साथ कार्य किया तो दिल्ली व भोपाल में अटके प्रमुख प्रोजेक्ट स्वीकृत होकर अंचल के विकास में मिल का पत्थर साबित हो सकते हैं।
यह प्रोजेक्ट अधर में लटके हैं, जो अब पूरे हो सकते हैं
1- 398 करोड़ की चंबल से पानी लाने का प्रोजेक्ट वन विभाग सहित अन्य विभागों की एनओसी नहीं मिलने के लिए अटका हुआ है।
2- सिटी सेंटर से डीआरडीई को शिफ्ट करने के लिए 143 एकड़ जमीन की आवश्यकता है। सीएम जमीन देने के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमत हैं।
3- ग्वालियर-श्योपुर ब्रोडगेज का प्रोजेक्ट तैयार है। केवल इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाना है।
भिंड
1- चंबल प्रोग्रेस वे - इस मुद्दे पर शिवराज कैबिनेट की बैठक में भी चर्चा हुई है। मुख्य सचिव को फाइल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी तक भिजवाने के लिए कहा गया है। भिंड-मुरैना का कुछ छूटा हुआ हिस्सा इसमें जुड़ना है।
2- अटेर में चंबल नदी से लिफ्ट एरिगेशन के जरिए कनैरा उद्वहन सिंचाई योजना का शुभारंभ वर्ष 1980 में किया गया था, महज कुछ लाख की यह योजना सवां अरब की लागत पर जाकर ठप हुई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी फूफ से दूसरे कार्यकाल में दोबार शुभारंभ कर चुके हैं। अब इसके दोबारा तेजी पकड़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
शिवपुरी
1-सोनचिरैया अभ्यारण्य को खत्म करने की मांग इस बार भी जोरदारी से उठाई जा रही। सीएम शिवराज सिंह चौहान इसे अभ्यारण्य को समाप्त करने का पहले आश्वासन दे चुके हैं।
2- 43 करोड़ की नल जल योजना अधूरी है जिससे करैरा में जलसंकट है।
3- करैरा भितरवार मार्ग के 35 किमी हिस्से में अभ्यारण्य का रोड़ा। परमिशन न मिलने से करैरा से बनियानी तक नहीं बन रहा मार्ग।
दतिया
1- भांडेर में चुनाव है। क्षेत्र में अलग-अलग गांव में 52 किलोमीटर तक सड़क निर्माण अभी तक अधूरा पड़ा हुआ है
2- 30 बेड का अस्पताल जो स्वीकृत है, निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है।
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