जिद्दी रिपोर्टर अपडेट पिछोर ,पूरी दुनिया पिछले 6 महीनों से महामारी के कहर से जूझ रही है। हम सभी ज़्यादा से ज़्यादा वक्त घर पर बि...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट
पिछोर ,पूरी दुनिया पिछले 6 महीनों से महामारी के कहर से जूझ रही है। हम सभी ज़्यादा से ज़्यादा वक्त घर पर बिता रहे हैं, दिन में कई बार हाथ धो रहे हैं, बाहर जाते वक्त मास्क पहनते हैं, सोशल डिस्टेंसिंग का और बाहर की चीज़ों को न छुएं इसका ख़्याल रखते हैं। कभी-कभी ये सोचकर भी डर लगता है, कि कोरोना वायरस महामारी के ख़त्म होने के बाद दुनिया कैसी होगी। इन सबके बीच तनाव का स्तर भी बढ़ता जा रहा है। इस जानलेवा बीमारी के लक्षणों के डर के साथ-साथ अस्पताल में भर्ती और फिर अपने करीबी लोगों की सुरक्षा का डर सभी को लगातार सता रहा है। कोविड-19 स्ट्रेस वास्तव में सभी की ज़िंदगी पर गहरा प्रभाव डाल रहा है। पर वहीं पिछोर में ये देखने को मिल रहा है मानो इधर कोरोना लोगो से पूछ कर होगा जगह जगह पिछोर में लोगो की भीड़ देखने को मिल रही है बिना मास्क के लोग बिना सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किए घूम रहे। इसका ही परिणाम आज मिला पिछोर में हॉस्पिटल के 7 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले है फिर भी लोगो को परवाह नहीं विशेष तौर ग्रामीण क्षेत्र के लोग छींक रहे है खांस रहे है पर एक मास्क किसी के मुंह पर लगा नजर नहीं आता है टारगेट स्पॉट तौर पर पिछोर में अस्पताल चौराहा,तहसील परिसर, कॉलेज चौराहा, डांक बंगला, बस स्टैण्ड,स्टेट बैंक ,ग्रामीण बैंक ,कोऑपरेटिव बैंक नई बस्ती
आदि क्षेत्रों में भारी मात्रा भीड़ एकत्रित होती है
अगर आपको लग रहा है कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने का डर और तनाव आपके लिए एक रुकावट बन गया है, तो दोबारा सोचें। एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोविड-19 की वजह से तनाव बढ़ता जा रहा है और इसी के साथ दिल से जुड़ी दिक्कतों का जोखिम भी बढ़ रहा है।
इसलिए हो जाएं सतर्क
जब से कोरोना वायरस का पहला केस सामने आया है, तब से वैज्ञानिक इस वायरल इंफेक्शन से लड़ने के तरीके ढूंढ़ रहे हैं। हालांकि, जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल असोसिएशन में प्रकाशित हुई एक नई स्टडी के मुताबिक, जैसे-जैसे कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, वैसे ही डॉक्टर्स के सामने ब्रोकन हार्ट यानी हार्ट अटैक जैसे मामले भी तेज़ी से बढ़ रहे हैं।
वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम संक्रमण का लक्षण नहीं है, इस महामारी की वजह से हो रहे शारीरिक और भावनात्मक तनाव के कारण लोग इस समस्या से गुज़र रहे हैं। ये स्थिति काफी गंभीर है।
क्या है ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम?
ये सुनने में भले ही बनावटी लगे, लेकिन ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम वास्तव में एक समस्या है और इसका असर काफी लंबा खिंच सकता है। ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है, जिसमें एक व्यक्ति को दिल के दौरे जैसे लक्षण महसूस होते हैं, जो किसी तरह के सदमे या फिर भयानक तनाव की वजह से हो सकते हैं। हालांकि, दिल के दौरे की तरह ये समस्या जानलेवा नहीं है।
दिल के दौरे और ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम में क्या है अंतर?
इन दोनों में एक फर्क यही है कि दिल के दौरे में धमनियों में रुकावट पैदा हो जाती है, लेकिन ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम में सिर्फ अटैक जैसा महसूस होता है, लेकिन दिल को कोई नुकसान नहीं पहुंचता।
क्या हैं इसके लक्षण?
दिल के दौरा और ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम दोनों में बहुत समान लक्षण होते हैं, जिसमें छाती में दर्द, सांस की तकलीफ, पसीना आना शामिल हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप दिल के मरीज़ हैं या नहीं, कोई भी इस सिंड्रोम का शिकार हो सकता है।
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