जिद्दी रिपोर्टर अपडेट.... अशोकनगर कल अशोकनगर दौरे के अपने भाषणों में अशोकनगर व मुंगावली के पूर्व विधायकों और राज्यसभा सांसद श्री...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट....
अशोकनगर
कल अशोकनगर दौरे के अपने भाषणों में अशोकनगर व मुंगावली के पूर्व विधायकों और राज्यसभा सांसद श्री सिंधिया जी पर मनघडंत आरोप लगाने से पहले यह जान ले जयवर्द्धन सिंह जी अशोकनगर को भ्रस्टाचारियो व संकुचित मानसिकता के लोगो न कभी जरूरत रही है ओर न रहेगी। जो सवाल आप आज यहाँ आकर जनता के सामने पूछ रहे है यह सवाल आपको अपने ही घर में चाचा लक्ष्मण सिंह जी पूछना चाहिए थे जब वो भाजपा में शामिल हुए थे।
कांग्रेस सरकार में आप पूरे 15 महीने तक नगरीय प्रशासन मंत्री रहे आप के कार्यकाल में पूरे प्रदेश में नगर पालिकाओं की स्थिति दयनीय हो गई कर्मचारियों को वेतन देने फण्ड नहीं था विकास कार्य पूरी तरह रुक गए थे वित्तीय व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी।
1 नवंबर को जब ग्वालियर में मीटिंग ले रहे थे तब ग्वालियर के दोनों विधायक व मंत्री द्वारा आपके सामने नाराजगी जाहिर की गई थी और कहा था यदि नगरपालिकाओं की यही स्थिति रही तो भविष्य में हमारा कोई भी प्रत्याशी यहां से चुनाव नही जीत पायेगा। आपके द्वारा लगातार पूरे ग्वालियर चंबल क्षेत्र की अनदेखी की गई जो योजनाएं पास हो चुकी थी उन्हें कैंसिल किया गया आपने जिस संकुचित मानसिकता का परिचय पूरे 15 महीने दिया उसे ग्वालियर चंबल ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की जनता ने देखा है।
आज चुनाव सर पर है तो आप मुंगावली अशोकनगर के चक्कर लगा रहे हैं पिछले 15 महीने से आप अशोकनगर की सीमाओं से गुजरे लेकिन कभी अशोकनगर आने की कोशिश नहीं की क्योंकि आप अशोकनगर जिले के साथ सौतेला व्यवहार कर रहे थे आपने कभी विकास की ओर ध्यान नहीं दिया और फंड्स में कटौती कर कर जो बचे कुछ काम चल रहे थे उनमे भी रोड़ा अटका दिया।
जिस अशोकनगर जिले में अब आपको अपनेपन और सेवा का भाव आ रहा है वो अशोकनगर जिला आपके पिता श्री दिग्विजय सिंह जी ने अशोकनगर जिले पर जो अत्याचार किये है वो आज तक अशोकनगर भूला नही है,चाहें शक्कर कारखाना हो,पॉलीटेक्निक कॉलेज हो,य अन्य महत्वपूर्ण योजनाएं वे तो अशोकनगर को जिला तक नही बनने दे रहे थे लेकिन नियम व कानून की वजह से राघोगढ़ बन नही सकता था और मजबूरी में अशोकनगर को जिले बनाना पड़ा।
अशोकनगर के किसी उम्रदराज बुजुर्ग किसान से जाकर पूछना तब वे आपको बताएंगे अपना दर्द जो आपके पिताजी द्वारा अशोकनगर को दिया गया है।
आप बात करते है संबंध की रिश्तों की तो इस बात में आपकी पिताजी ने बहुत ईमानदारी से काम किया और आपको नेता बनाने की कोशिश में पूरे प्रदेश में उथल पुथल कर दी और आखिरकार सत्य और विकास के पुजारियों को अपने नेता के साथ इस्तीफे देने पड़े क्योंकि जब विकास हो नही पायेगा तो विधायकी और पद किस काम के,आज जो आप यहाँ आये है अशोकनगर जिले को अपना बता रहे है और सेवा भाव जाग रहा है इस सेवा भाव की पूरी पटकथा आपके पिताजी ने आपके जानकारी में होते हुए रची है जिसकी वजह से 22 विधायकों को इस्तीफे देने पड़े।
इसलिए ये ढोंग बंद कर आपको क्षमा याचना कर जनता से माफी मांगनी चाहिए।
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