जिद्दी रिपोर्टर अपडेट..... •मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सभी 28 नामों का ऐलान कर दिया है। •भोपाल से दिल...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट.....
•मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सभी 28 नामों का ऐलान कर दिया है।
•भोपाल से दिल्ली तक चला मंथन, हालांकि तीन सीटों पर ही बाकी थी औपचारिकता
•कांग्रेस से आए सभी पूर्व विधायकों को मिला टिकट, कांग्रेस 27 नामों का ऐलान कर चुकी
मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर होने वाले उपचुनावों को देखते हुए भाजपा ने मंगलवार को देर रात को 28 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया। कांग्रेस से भाजपा में आए सभी 25 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। हालांकि इससे पहले कांग्रेस अपने 27 प्रत्याशियों और तीसरी ताकत बनने का जतन कर रही बसपा ने भी 18 प्रत्याशियों का ऐलान कर चुकी है। भाजपा प्रत्याशियों की सूची दिल्ली से फाइनल हुई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह इसके लिए दिल्ली गए हुए थे।
हफ्ते भर चले मंथन के बाद फाइनल हो सकी लिस्ट
भाजपा को उम्मीदवारों के नामों को फाइनल करने में हफ्ते दिन तक भोपाल से लेकर दिल्ली तक मंथन करना पड़ा। शनिवार को दिल्ली जाने से पहले शिवराज की टीम ने तीन दिन तक भाजपा कार्यालय में बैठकर दावेदारों से चर्चा की। संघ और पार्टी स्तर पर किए गए सर्वे के आधार पर संभावित उम्मीदवारों के नामों पर बात हुई। इसके बाद सूची फाइनल कर दिल्ली में चुनाव समिति की बैठक में रखा गया। शिवराज भी इस बैठक में शामिल हुए। रविवार को वे वहां से लौट आए थे, इसके बाद सूची जारी होने में दो दिन लग गए। इसके बाद ही सूची को अंतिम मुहर लगाई गई।
एक-एक सीट पर जीत की संभावना तलाशी
पार्टी सूत्रों के अनुसार शिवराज पहले ही कह चुके हैं कि इन उपचुनावों में उन्हें 100% रिजल्ट चाहिए है। ऐसे में एक-एक सीट उनके लिए अहम हैं। इसमें केवल उन्हीं उम्मीदवारों को टिकट दिए जाने की बात कही गई, जो जीत के सबसे करीब नजर आए। इस दौरान एक-एक सीट पर जीत और विरोध के कारणों पर विचार-विमर्श किया गया।
टिकट बंटवारे में फिर सिंधिया की चली
प्रत्याशियों के नाम तय करने में ज्योतिरादित्य सिंधिया की भूमिका अहम रही। इसके लिए पहले पार्टी ने अपने स्तर और संघ की सर्वे रिपोर्ट का भी सहारा लिया। सर्वे में जो नाम आए उन्हें टिकट दिया गया। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मार्च में अपने 22 विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़ दी थी और भाजपा शामिल हो गए थे। इससे कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी। 20 मार्च को कमलनाथ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। 23 मार्च को शिवराज ने सीएम पद की शपथ ली थी। इसके बाद कांग्रेस के तीन और विधायक भाजपा में शामिल हो गए। इन सभी ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इससे 25 सीटें खाली हो गईं। वहीं, तीन विधायकों के निधन की वजह से आगर, ब्यावरा और जौरा सीटें खाली हुई हैं।
भाजपा ने 25 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान
प्रद्युम्न सिंह तोमर, ग्वालियर, इमरती देवी, डबरा (ग्वालियर) महेन्द्र सिंह सिसोदिया उर्फ संजू भईया बमोरी (गुना), गोविंद सिंह राजपूत, सुरखी (सागर), प्रभुराम चौधरी, सांची (अशोकनगर)तुलसीराम सिलावट, सांवेर (इंदौर) ऐंदल सिंह कंषाना, सुमावली (मुरैना) रघुराज सिंह कंषाना मुरैना, गिर्राज दंडोतिया, दिमनी (मुरैना), ओपीएस भदौरिया, अम्बाह (भिंड), रणवीर जाटव, गोहद (भिंड) मुन्नालाल गोयल ग्वालियर पूर्व, रक्षा संतराम सिरौनिया, भांडेर (दतिया), जसमंत जाटव, करैरा (शिवपुरी) सुरेश धाकड़, (पोहरी) जजपाल सिंह जज्जी, अशोक नगर, बृजेंद्र सिंह यादव, मुंगावली (अशोकनगर) बिसाहूलाल सिंह, अनूपपुर, मनोज नारायण सिंह चौधरी, हाटपिपल्या (देवास) राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, बदनावर (धार), हरदीप सिंह डंग, सुवासरा (मंदसौर), प्रद्युमन सिंह लोधी, बड़ामलहरा (छतरपुर) नारायण पटेल मंधाता (खंडवा), सुमित्रा देवी कास्डेकर, नेपानगर (बुरहानपुर) से टिकट मिला है।
वहीं तीन विधायकों के निधन से खाली हुईं सीटों पर भी प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया गया है। इसमें जौरा से सूबेदार सिंह सिकरवार, आगर मालवा से मनोहर ऊंटवाल के बेटे मनोज ऊंटवाल और ब्यावरा से नारायण सिंह पवार को टिकट मिला है। इसमें नारायण सिंह पंवार का जमकर विरोध हुआ था।
COMMENTS