जिद्दी रिपोर्टर अपडेट..... •एकल पीठ के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक स्कूल फीस वसूली मामले में राजस्थान हाई कोर्ट से प्रदेश के ला...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट.....
•एकल पीठ के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
स्कूल फीस वसूली मामले में राजस्थान हाई कोर्ट से प्रदेश के लाखों अभिभावकों को राहत मिली है। सीजे इंद्रजीत माहन्ती की खंडपीठ ने गुरुवार को एकलपीठ के आदेश पर 9 अक्टूबर तक रोक लगा दी है। कोर्ट मामले की अंतिम सुनवाई 5 अक्टूबर को करेगी। एकलपीठ के फैसले पर रोक लगने से स्कूल संचालक अब अभिभावकों से फीस वसूली नहीं कर सकेंगे। आज के आदेश से अब राज्य सरकार के 7 अप्रेल और 9 जुलाई के फीस स्थगन के आदेश प्रभावी हो गए हैं। इसके तहत अब कोई भी स्कूल अभिभावकों से फीस वसूल नहीं कर सकती है। गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व एकलपीठ ने कोविड.19 के तहत निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस का 70 फीसदी वसूलने के आदेश जारी किए थे। जिसका फायदा उठाकर अधिकांश निजी स्कूलों ने ट्यूशन फीस में ही सभी अन्य मदों की फीस को मिलाकर 30 फीस कम कर दी थी। इसके बाद 70 फीसदी फीस जमा कराने के मैसेज अभिभावकों को लगातार भेजे जा रहे थे, जिससे अभिभावक परेशान हो रहे थे। इसके बाद कई अभिभावकों ने एकलपीठ के आदेश के विरुद्ध हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। अब हाईकोर्ट खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है।
अभिभावकों को मिली राहत
हाईकोर्ट ने अभिभावकों को राहत दी है। इससे स्कूलों की मनमानी पर रोक लगेगी। निजी स्कूल बच्चों और अभिभावकों को मानसिक रूप से फीस जमा करवाने के लिए दबाब डाल रहे थे। इस पर रोक लग सकेगी।
रजनी अग्रवाल, अभिभावक
निजी स्कूल संचालकों ने अभिभावकों पर दबाब बना रखा था। आज कोर्ट की सुनवाई के बाद स्कूलों की मनमानी पर रोक लग सकेगी। स्कूल संचालकों को समझना होगा कि अभिभावक वास्तव में इस समय मानसिक और आर्थिक रूप से काफी परेशान हैं।
अभिषेक जैन, (प्रवक्ता संयुक्त अभिभावक समिति)
कोर्ट के स्टे ऑर्डर से अभिभावकों को काफी राहत मिलेगी। अब तक स्कूल मनमानी करते हुए फीस वसूल रहे थे। स्कूल संचालकों को समझना होगा कि आज की विकट परिस्थितियों में अभिभावक परेशान है। अब 5 अक्टूबर को हम कोर्ट में अपना पक्ष और मजबूती से रखते हुए अभिभावकों को राहत दिलवाने का प्रयास करेंगे।
अरविंद अग्रवाल (प्रवक्ता संयुक्त अभिभावक समिति)
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