जिद्दी रिपोर्टर अपडेट... नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus In India) के बढ़ते मामलों के बीच मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट...
नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus In India) के बढ़ते मामलों के बीच मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में केंद्र के कोविड से जुड़ी राष्ट्रीय योजना पर सुनवाई होगी. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस एस. रविंद्र भट की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी. इस मामले में सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे को न्याय मित्र (Amicus Curiae) तय किया गया था, हालांकि वकीलों की ओर से विरोध के बाद उन्होंने अपना नाम वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसे मंजूर कर लिया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से 'ऑक्सीजन की आपूर्ति, आवश्यक दवाओं की आपूर्ति, टीकाकरण की प्रणाली और तरीके और लॉकडाउन लगाने का अधिकार राज्य के पास रखने और इसे न्यायिक फैसला नहीं बनाया जाने' पर राष्ट्रीय योजना मांगी थी. तात्कालीन चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया शरद अरविंद बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने पहली सुनवाई के दौरान कहा था कि कम से कम छह हाईकोर्ट कोविड-19 संबंधित मुद्दों की सुनवाई कर रहे हैं जिससे अलग-अलग प्राथमिकताओं के आधार पर भ्रम पैदा हो सकता है और संसाधन भी अलग-अलग दिशा में लगेंगे. हालांकि तात्कालीन CJI के सेवानिवृत्त होने के बाद इस मामले की सुनवाई मंगलवार तक के लिए टाल दी गई थी.
मंगलवार को ही वेदांता की याचिका पर सुनवाई होगी जिसमें स्टरलाइट को ऑक्सीजन निर्माण की परमिशन देने की बात कही गई है. दालत ने शुक्रवार को कहा था कि आक्सीजन की कमी की वजह से लोग मर रहे हैं तो ऐसे में तमिलनाडु सरकार 2018 से बंद पड़ी वेदांता की स्टरलाइट तांबा संयंत्र इकाई अपने हाथ में लेकर कोविड-19 मरीजों की जान बचाने के लिये आक्सीजन का उत्पादन क्यों नहीं करती?
दूसरी ओर तमिलनाडु सरकार ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर चार महीने के लिए तूतीकोरिन में वेदांता स्टरलाइट इंडस्ट्रीज को ऑक्सीजन निर्माण की अनुमति देने के मुद्दे पर चर्चा के लिए सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलायी. इससे प्रदूषण की चिंताओं के कारण बंद पड़े स्मेल्टिंग संयंत्र को आंशिक रूप से फिर से खोले जाने का रास्ता साफ हुआ. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए वेदांता ने कहा कि वह 1,000 टन की पूरी उत्पादन क्षमता का उपयोग चिकित्सकीय ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए करेगा और वह राज्य में जरूरत वाली जगहों पर प्राथमिकता के आधार पर इसे भेजने के लिए काम कर रहा है.

COMMENTS