जिद्दी रिपोर्टर अपडेट...... ममता सरकार को 5 दिन में 2 बार राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राजधर्म की नसीहतें दी हैं। ममता के 43 मंत्रियो...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट......
ममता सरकार को 5 दिन में 2 बार राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राजधर्म की नसीहतें दी हैं। ममता के 43 मंत्रियों ने आज शपथ ली। इसके बार राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि बंगाल हिंसा को लेकर राज्य सरकार में कोई जिम्मेदारी नहीं दिखी। हालात बताते हैं कि सरकार भी यही चाहती थी।
बंगाल में चुनाव के बाद होने वाली हिंसा पर धनखड़ ने कहा- सरकार जमीनी हकीकत को समझे और जनता के विश्वास को राज्य में स्थापित करे। सरकार उन अपराधियों पर एक्शन ले, जिन्होंने हमारे लोकतंत्र के धागों को तोड़ने की कोशिश की है। इस मामले में राज्य सरकार का प्रतिक्रिया मुझसे छिपी नहीं है। इसे मुझसे बेहतर कोई नहीं जानता है। सरकार भी यही चाहती थी। मैंने किसी भी तरह की जिम्मेदारी या जवाबदेही नहीं देखी।
अधिकारियों के रवैये से नाराज राज्यपाल
राज्यपाल ने कहा कि मैंने कोलकाता पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों से 3 मई को रिपोर्ट मांगी। इसी दिन राज्य के चीफ सेक्रेटरी से हालात और उन्हें सुधारने के लिए उठाए गए कदमों का ब्योरा मांगा। मैंने उनसे पूछा कि इस उपद्रव को आगे संभालने के लिए उनके पास क्या योजना है? मेरे पास कोई रिपोर्ट नहीं आई। अधिकारियों ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी होम को रिपोर्ट भेजी, पर उन्होंने आज तक ये रिपोर्ट मुझे फॉरवर्ड नहीं की है।
उन्होंने कहा कि इसके बाद मुझे चीफ सेक्रेटरी को फोन करके बुलाना पड़ा। चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी मुझसे मिलने आए, लेकिन उनके पास कोई रिपोर्ट नहीं थी, कोई जानकारी नहीं थी। इसका कोई कारण नहीं बताया गया, जो रिपोर्ट उन्होंने सचिव स्तर पर 3 मई को भेज दी थी, उसे मुझे क्यों नहीं दिया गया। मुझे इसकी वजह भी नहीं बताई गई की कोलकाता पुलिस कमिश्नर ने मेरे लिए जो रिपोर्ट चीफ सेक्रेटरी होम को भेजी थी, वो मुझे क्यों नहीं दी गई।
हेलिकॉप्टर मांगा तो जवाब नहीं दिया, बोले- पायलट्स के साथ समस्या है
उन्होंने कहा कि चीफ सेक्रेटरी होम ने अपनी ड्यूटी क्यों नहीं निभाई। चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी केवल हाजिरी लगाने के लिए मेरे पास आए, ये केवल दिखावा था। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ऐसे हालात में किस तरह से जिम्मेदारी की कमी राज्य में दिखाई दे रही है। मैंने प्रभावित इलाकों में जाने के लिए हेलिकॉप्टर की मांग की। मुझे लिखित में इसका कोई जवाब नहीं मिला। अनाधिकारिक तौर पर मुझे बताया गया कि हेलिकॉप्टर में कुछ समस्या है और पायलट्स के साथ कुछ समस्या है। क्या संवैधानिक मुखिया को सूचना देने का ये तरीका है। आपने लिखित में ये जवाब क्यों नहीं दिया।
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