जिद्दी रिपोर्टर अपडेट..... इस महीने की 31 तारीख को देश भर में रेल के पहिए थम सकते हैं। इसका कारण भारतीय रेल के सभी स्टेशन मास्टर...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट.....
इस महीने की 31 तारीख को देश भर में रेल के पहिए थम सकते हैं। इसका कारण भारतीय रेल के सभी स्टेशन मास्टरों का हड़ताल पर जाना है।
दरअसल, देशभर के करीब 35 हजार स्टेशन मास्टरों ने सामूहिक अवकाश या हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। आल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन ने 5 सूत्रीय मांगों को नहीं माने जाने पर आगामी 31 मई को एक दिन के सामूहिक अवकाश पर जाने की घोषणा की है।ऐसे में अब कई तरह के सवाल उठ रहे है की क्या 31 मई 2022 को देशभर में ट्रेनों का संचालन नहीं किया जाएगा या फिर क्या रेल मंत्रालय स्टेशन मास्टरों की मांग पूरी करेगा, ऐसे में सभी की नजर अब रेल मंत्रालय पर टिक गई है । 31 मई से पहले रेल मंत्रालय का कोई बड़ा फैसला आता है तो हड़ताल का टला जाना संभव हो सकता है।
बता दें की यह पहला मौका नहीं है, इसके पहले भी रेल कर्मचारी अपना विरोध दर्ज करवा चुके है, लेकिन अबतक रेल प्रशासन ने उनकी मांगों पर कोई फैसला नहीं लिया है। अपनी मांगों को मनवाने के लिए पहले चरण में एस्मा के पदाधिकारियों ने रेलवे बोर्ड के अधिकारियों को ई-मेल भेजकर के विरोध जताया। दूसरे चरण में पूरे देश के स्टेशन मास्टरों ने 15 अक्टूबर 2020 को रात्रि ड्यूटी शिफ्ट में स्टेशन पर मोमबत्ती जला और तीसरे चरण का विरोध प्रदर्शन 20 अक्टूबर से 26 अक्टूबर 2020 तक एक सप्ताह तक चला था ।
इस दौरान स्टेशन मास्टरों ने काला बैज लगा कर ट्रेनों का संचालन किया था । चौथे चरण में सभी स्टेशन मास्टर 31 अक्टूबर 2020 को एक दिवसीय भूख हड़ताल और पांचवे चरण में हर डिवीजनल हेड क्वार्टर के सामने प्रदर्शन किया। छठवें चरण मैं सभी संसदीय क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपा गया एवं रेल मंत्री महोदय को ज्ञापन सौंपा गया। सांतवें चरण रेल राज्य मंत्री से मुलाकात करके समस्याओं से अवगत करवाया था
ये है प्रमुख मांगे
सभी रेल कर्मचारियों को बिना किसी अधिकतम सीमा के रात्रि ड्यूटी भत्ता बहाल करना...
43600 या उससे ज्यादा वेतन पाने वालों को रात्रि भत्ता दिया जाए...
स्टेशन मास्टरों के संवर्ग में एमएसीपी का लाभ 16.02.2018 के बजाय 01.01.2016 से प्रदान करना...
एमएसीपी का लाभ 16 फरवरी 2018 की जगह 1 जनवरी 2016 से दिए जाने की मांग की है...
संशोधित पदनामों के साथ संवर्गों का पुनर्गठन करना। एसोसिएशन ने पदनाम परिवर्तन के साथ स्टेशन मास्टर संवर्ग का रिस्ट्रक्चरिंग करने को भी कहा है।
स्टेशन मास्टरों को सुरक्षा और तनाव भत्ता देना।रिक्त चल रहे स्टेशन मास्टर कैडर की 6000 पदों पर जल्द से जल्द नई नियुक्ति की जाए...
एसोसिएशन ने इसके अलावा स्टेशन मास्टर रूम को संरक्षा/ तनाव भत्ता दिए जाने की मांग भी की गई है। एसोसिएशन से जुड़े स्थानीय पदाधिकारी ए एम पाठक ने बताया कि यह मांग रेलवे बोर्ड को पूर्व में ही भेजी जा चुकी है।
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