जिद्दी रिपोर्टर अपडेट.... ग्वालियर. अनुसूचित जनजाति वर्ग के ऐसे लोग जो मतांतरित होकर न सिर्फ भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म की परंप...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट....
ग्वालियर. अनुसूचित जनजाति वर्ग के ऐसे लोग जो मतांतरित होकर न सिर्फ भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म की परंपराओं को नष्ट कर रहे हैं, बल्कि इस वर्ग के भोले भाले लोगों को मिलने वाले आरक्षण का हक छीन रहे हैं, उन्हें सूची से बाहर करना होगा। यह बहुत लंबी लड़ाई है। इसके लिए यह वर्ग सड़क से लेकर संसद तक आखिरी दम तक लड़ेगा। यह आह्वान ग्वालियर में जनजाति सुरक्षा मंच के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य डा रूप नारायण मांडवे ने रविवार को आमसभा को संबोधित करते हुए किया। इससे पूर्व शहर में महारैली निकाली गई। आयोजकों का दावा है कि रैली में ग्वालियर अंचल के 20 हजार अजा वर्ग के लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम में ग्वालियर सांसद विवेक शेजवलकर और बीज निगम के अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल मौजूद थे।
शिवपुरी लिंक रोड स्थित केदारधाम (सरस्वती शिशु मंदिर) में आयोजित आमसभा को संबोधित करते हुए श्री मांडवे ने कहा कि हमारे समाज के लोगों को प्रलोभन देकर कुछ विघटनकारी शक्तियां मतांतरित कर रही हैं। जिससे हमारी संस्कृति को तो खतरा है ही साथ ही इससे हमारे बच्चों का हक भी मारा जा रहा है। अपनी संस्कृति, आस्था, परंपरा को त्याग कर ईसाई या मुसलमान बन चुके लोग 80 प्रतिशत लाभ जनजाति समुदाय से छीन रहे हैं। मतांतरित होकर लोग दोहरा फायदा उठा रहे हैं। ऐसे सभी लोगों को जनजाति की सूची से हटाने की मांग को लेकर स्वर्गीय कार्तिक उरांव ने पहली बार 1966 में 235 सांसदों के हस्ताक्षर से युक्त ज्ञापन तत्कालीन प्रधानमंत्री को दिया था। कार्तिक उरांव ने पुन: इस मुद्दे को 1970 में उठाया, लेकिन इस मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जनजाति सुरक्षा मंच इस मांग को लेकर लगातार पूरे देश में जनजागरण अभियान चला रहा है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा मंच ने 2020 में स्व. कार्तिक उरांव के जन्मदिन से देशभर में व्यापक अभियान छेड़ा और देश के 288 जिलों में राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के नाम जिला कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपे गए।
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