जिद्दी रिपोर्टर अपडेट.... मप्र आजीविका मिशन के प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी एलएम बेलवाल को हम भ्रष्ट नहीं बता रहे हैं। बल्कि ...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट....
मप्र आजीविका मिशन के प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी एलएम बेलवाल को हम भ्रष्ट नहीं बता रहे हैं। बल्कि मप्र की आईएएस अधिकारी सुश्री नेहा मारव्या ने अपनी 57 पेज की जांच रिपोर्ट में बेलवाल पर लगे सभी आरोपों की पुष्टि की है। आजीविका मिशन में बेलवाल पर 100 करोड़ के भ्रष्टाचार का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। मजेदार बात यह है कि तमाम आरोप प्रमाणित होने के बाद भी राज्य सरकार इस अफसर को सजा देने के बजाय उसकी ढाल बन गई है। बेलवाल मप्र में वरिष्ठ आईएफएस अफसर थे। भाजपा सरकार की कृपा से वे आजीविका मिशन में मुख्य कार्यपालन अधिकारी बनकर प्रतिनियुक्ति पर आये थे। उन्हें मप्र हाईकोर्ट में खींचने वाले भूपेन्द्र प्रजापति का दावा है उनके कार्यकाल में 1000 करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ है। लेकिन अभी तक हमारे पास 100 करोड़ के भ्रष्टाचार के प्रमाण मौजूद हैं जो हाईकोर्ट में दे दिए गये हैं। दूसरी ओर राज्य सरकार बेलवाल पर इतनी मेहरबान है कि रिटायरमेंट के तीन साल बाद भी वे संविदा लेकर अंगद की तरह कुर्सी पर जमे हुए हैं।
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