शिवपुरी। परिवहन आयुक्त द्वारा जारी निर्देशों के तहत पूरे प्रदेश में यात्री बसों, शैक्षणिक संस्थानों की बसों और स्कूल बसों की सघन चेकिंग का...
शिवपुरी। परिवहन आयुक्त द्वारा जारी निर्देशों के तहत पूरे प्रदेश में यात्री बसों, शैक्षणिक संस्थानों की बसों और स्कूल बसों की सघन चेकिंग का आदेश दिया गया है। इसी कड़ी में कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी ने जिला परिवहन अधिकारी को सख्त निर्देश दिए कि अभियान के अंतर्गत जिले में सक्रियता से चेकिंग की जाए।
निर्देशानुसार जिला परिवहन अधिकारी रंजना सिंह के नेतृत्व में परिवहन और यातायात विभाग की संयुक्त टीम द्वारा शिवपुरी शहर में सघन वाहन चेकिंग अभियान चलाया गया। इस दौरान तीन बसों पर कुल 7000 का जुर्माना लगाया गया, एक वाहन जप्त किया गया, और एक बस की फिटनेस निरस्त कर दी गई।
हालांकि, सवाल यह उठता है कि क्या यह चेकिंग महज एक-दो दिन की औपचारिकता बनकर रह जाएगी या फिर वाकई में सड़क पर दौड़ने वाले अवैध और खटारा वाहनों पर स्थायी लगाम लगेगी?
शहर और गांवों में खुलेआम दौड़ रहे जर्जर वाहन, जिनमें क्षमता से अधिक यात्री भरे जाते हैं, न केवल यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं, बल्कि आम जनता की जान को भी खतरे में डालते हैं।
जनता जानना चाहती है कि क्या परिवहन विभाग इन पर भी उतनी ही सख्ती दिखाएगा जितनी स्कूल और यात्री बसों पर दिखाई जा रही है? या फिर यह कार्रवाई भी सिर्फ कागजों तक सीमित रह जाएगी?
जनहित में प्रश्न:
- खटारा और अवैध वाहनों पर कब चलेगी ठोस कार्रवाई?
- क्या चेकिंग केवल दिखावे की है या वास्तव में सुधार की पहल?
- क्या विभाग के पास ऐसे वाहनों पर नकेल कसने की ठोस कार्ययोजना है?
जब तक कार्रवाई सतत और ठोस नहीं होगी, तब तक यह अभियान जनहित की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाएगा। परिवहन विभाग को चाहिए कि वह केवल आदेश जारी करने तक सीमित न रहकर, हर स्तर पर जिम्मेदारी तय करे और कार्रवाई में पारदर्शिता लाए।
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