जिद्दी रिपोर्टर अपडेट..... *लाला परिहार आमोलपठा* *आमोलपठा (शिवपुरी): - जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राध...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट.....
*लाला परिहार आमोलपठा*
*आमोलपठा (शिवपुरी):- जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिवपुरी अवनीश कुमार वर्मा के मार्गदर्शन में तहसील विधिक सेवा समिति करैरा के अध्यक्ष न्यायाधीश अतुल सक्सेना ने करैरा स्थित महिला एवं बाल विकास विभाग करेरा में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन करते हुए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए घरेलू हिंसा के विरुद्ध महिलाओं के संरक्षण अधिनियम के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि स्त्रियों के अनैतिक व्यापार निवारण एवं गर्भपात नवजात शिशु के विरुद्ध आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को शिशु दूध अनुकल्प पोषण बोतल और शिशु स्वास्थ्य अधिनियम 1992 के सुसंगत प्रावधानों से भी अवगत कराते हुए माता का दूध शिशुओं लिए सर्वोत्तम आहार के रूप में वर्णित कर शिशु के स्वास्थ्य एवं उनके निरोगी रहने के बिंदुओं पर प्रकाश डाला । न्यायिक मजिस्ट्रेट दयाल सिंह सूर्यवंशी द्वारा महिला उत्पीड़न के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि यदि किसी महिला को शारीरिक, मानसिक ,मौखिक, योनिक या भावनात्मक रूप से किसी भी प्रकार से क्षति पहुंचाई जाती है तो वह घरेलू हिंसा के अंतर्गत आता है । यदि इस तरह का व्यवहार किसी महिला के साथ किया जाता है इसकी शिकायत थाने में या महिला बाल विकास के माध्यम से की जा सकती है। धारा 125 के तहत न्यायालय पीड़ित और उसके बच्चों को (अगर हो तो) गुजारा भत्ता देने का आदेश दे सकता है। इसके अतिरिक्त महिलाओं को पोक्सो एक्ट , महिला संरक्षण अधिनियम एवं अन्य कानूनी विषयों पर जागरूक किया गया। श्रीमती प्रियंका बुनकर परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास द्वारा आभार व्यक्त किया गया इस अवसर पर,सैनिक बसंत पांडे , पीएलबी अनिल राय , सिमरन गुप्ता, निकिता गुप्ता, एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।*
*लाला परिहार आमोलपठा*
*आमोलपठा (शिवपुरी):- जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिवपुरी अवनीश कुमार वर्मा के मार्गदर्शन में तहसील विधिक सेवा समिति करैरा के अध्यक्ष न्यायाधीश अतुल सक्सेना ने करैरा स्थित महिला एवं बाल विकास विभाग करेरा में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन करते हुए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए घरेलू हिंसा के विरुद्ध महिलाओं के संरक्षण अधिनियम के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि स्त्रियों के अनैतिक व्यापार निवारण एवं गर्भपात नवजात शिशु के विरुद्ध आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को शिशु दूध अनुकल्प पोषण बोतल और शिशु स्वास्थ्य अधिनियम 1992 के सुसंगत प्रावधानों से भी अवगत कराते हुए माता का दूध शिशुओं लिए सर्वोत्तम आहार के रूप में वर्णित कर शिशु के स्वास्थ्य एवं उनके निरोगी रहने के बिंदुओं पर प्रकाश डाला । न्यायिक मजिस्ट्रेट दयाल सिंह सूर्यवंशी द्वारा महिला उत्पीड़न के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि यदि किसी महिला को शारीरिक, मानसिक ,मौखिक, योनिक या भावनात्मक रूप से किसी भी प्रकार से क्षति पहुंचाई जाती है तो वह घरेलू हिंसा के अंतर्गत आता है । यदि इस तरह का व्यवहार किसी महिला के साथ किया जाता है इसकी शिकायत थाने में या महिला बाल विकास के माध्यम से की जा सकती है। धारा 125 के तहत न्यायालय पीड़ित और उसके बच्चों को (अगर हो तो) गुजारा भत्ता देने का आदेश दे सकता है। इसके अतिरिक्त महिलाओं को पोक्सो एक्ट , महिला संरक्षण अधिनियम एवं अन्य कानूनी विषयों पर जागरूक किया गया। श्रीमती प्रियंका बुनकर परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास द्वारा आभार व्यक्त किया गया इस अवसर पर,सैनिक बसंत पांडे , पीएलबी अनिल राय , सिमरन गुप्ता, निकिता गुप्ता, एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।*


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