जिद्दी रिपोर्टर अपडेट..... •भागवत कथा मंच से ब्यास जी ने की छितीपुर में हुई 20 गायों की हुई असमय मौत की निंदा शिवपुरी । शिवप...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट.....
•भागवत कथा मंच से ब्यास जी ने की छितीपुर में हुई 20 गायों की हुई असमय मौत की निंदा
शिवपुरी । शिवपुरी जिले के पिछोर अनुविभाग अंतर्गत खनियाधाना के सीतापाठा प्रांगण में आयोजित महाशिवरात्री महोत्सव के दौरान चल रही श्रीमदभागवत कथा के चैथे दिवस ब्यासपीठ से भागवतभूषण पं रमाकान्त ब्यास ने संत की महिमा बताते हुये कहा कि जिसका तन चलता रहे और मन स्थित रहे वह संत है। अमर शहीद चन्द्रशेखर की कर्मस्थली कही जाने वाले सीतापाठा प्रंागण में भव्य मेले के साथ आयोजित कथा के दौरान महाराजश्री ने पृहलाद के चरित्र व भक्ति की कथा को हजारों की संख्या में कथा पाण्डाल में उपस्थित श्रोता श्रद्धालुओं के समक्ष ज्ञानोपदेश देते हुये बताया कि मनुष्य मे जीवन में इच्छा , प्रयत्न और अनुग्रह होना आवश्यक है। तभी भगवान की भक्ति की जा सकती है। जब हमारी इच्छा होगी और हम उसके लिये प्रयत्न करेंगे तो हमें भगवान का अनुग्रह अवश्य प्राप्त होगा। उन्होंने नवधाभक्ति समझाते हुये कहा कि पहली भक्ति हमें संत पुरूषों की संगत में रहना चाहिये। क्योंकि संत का मन गतिशील होता है और दिशा सही होती है। जिसकी अभेद दृष्टि हो और जो अति से अति सहन करने की क्षमता रखता हो वह संत कहा जा सकता है। उन्होंने संत और साधु की व्याख्या करते हुये कहा कि साधु का वेष होता है परन्तु संत का कोई गणवेष नहीं होता। संत का स्वभाव वस्त्रों से नहीं अपितु विचारों से जाना जाता है। जो भगवान का भजन करे वह साधु और जिसे भगवान याद करें वह संत कहलाता है। कथा के चैथे दिवस महाराजश्री ने संत पुरूष की कई तरह से ब्याख्या करते हुये कहा कि संत सरिता की तरह होना चाहिये। संत कभी एक जगह नहीं रूकता। संत कभी अपने को संत नहीं मानता और संतों का संग करने से ही भक्ति की प्राप्ति होती है। इसके अलावा श्री ब्यास ने भगवान की नवधा भक्ति से श्रद्धालुओं को परिचित कराया। कार्यक्रम के दौरान खनियाधाना के गणमान्य नागरिकगण, अधिकारी कर्मचारीगण, संत महापुरूष, एवं बडी संख्या में महिला पुरूष श्रद्धालुगण कथा पाण्डाल में उपस्थित थे।
राष्ट्र भक्ति को ही रामभक्ति बताया
अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद की कर्मस्थली सीतापाठा पर चल रही श्रीमदभागवतकथा के दौरान ब्यासपीठ से भागवतभूषण रमाकांन्त ब्यास ने राष्ट्रभक्ति को रामभक्ति बताते हुये कहा कि संत की समाधि और शहीद के स्मारक में कोई अंतर नहीं होता। सैना पर तैनात जवान की मांता धन्य है। राष्ट्रभक्ति से बडी कोई भक्ति नहीं जो जवान सीमा पर देश की रक्षा करते हुये करते हैं। चन्द्रशेखर आजाद की कर्मस्थली पर कथा को आजाद की बीरता से जोडते हुये कहा कि वे सदैव राष्ट्र की रक्षा के लिये जिये और मरे। वे अपना नाम आजाद पिता का नाम स्वतंत्रता और निवास जेल बताते थे। उन्हें अंग्रेज सरकार के आतताईयों द्वारा कोडे मारे जाने पर उनके मुख से बंदे मातरम ही निकलता था। उन्हेांेने सीतापाठा जैसे पवित्र स्थान पर चन्द्रशेखर आजाद की राष्ट्रभक्ति को सबसे बडी भक्ति बताया और कहा कि इस भूमि पर निवास करने वाले निवासी भी धन्य हैं जिन्हें राष्ट्र भक्ति के प्रतीक अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद की कर्मस्थली सीतापाठा के समीप रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
छितीपुर में गौवंश की हत्या की घोर निंदा
खनियाधाना के सीतापाठा स्थल पर श्रीमदभागवतकथा के चैथे दिवस ब्यासपीठ से महाराजश्री ने हाल ही में पिछोर क्षेत्र के छितीपुर में घटित गौवंश के हत्याकाण्ड की घोर निंदा करते हुये कहा कि गाय को बेद पुराणों उपनिषदों एवं हिन्दु धर्म में माता की संज्ञा दी गई है। आज हमारे प्रत्येक धर्मप्रेमी के घर से पहली रोटी गौ ग्रास के रूप में निकाली जाती है। किन्तु वडे दुर्भाग्य का विषय है कि हमारे ही क्षेत्र में कुछ एैसे आतताई भी निवास करते है। जिन्होंने हमारी गौमाता को भूख व प्यास से तडपा तडपाकर मार डाला। छितीपुर में घटित हुये गौवंश हत्याकाण्ड की घोर निंदा की जानी चाहिये और गौवंश की हत्या करने वाले आरोपियों को भी कडा दण्ड मिलना ही चाहिये। क्योंकि आज हमारे देश की हिन्दु संस्कृति व भारतीय संस्कृति इन्हीं गौमाता के रहते जीवित है। इसके अलावा महाराज श्री गौमाता व गौवंश की विस्तार से व्याख्या करते हुये कन्हैया को सबसे अधिक प्रिय गैया हैं बताया और कहा कि जो भी गौवंश के प्रति इस तरह की घटना कारित करेगा वह सीधे सीधे तौर पर हमारे कन्हैया का अपराधी माना जायेगा। जिसका दण्ड उसे भुगतना ही पडेगा। कथा के दौरान महाराजश्री गौवंश पर लगभग आधे घंटे बोलते बोलते भावुक हो गये।
हुआ विशाल आयुष मेगा चिकित्सा शिविर का आयोजन-
दिनांक 19-02- 2020 बुधवार को सीतापाठा खनियांधाना में विशाल आयुष मेगा चिकित्सा शिविर का आयोजन सम्पन्न किया गया जहां लगभग पांच सौ से अधिक रोगियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और रोगियों को निःशुल्क औषधि वितरण किया गया । शिविर में डाक्टर बी के भार्गव, डाक्टर योगेश शर्मा, श्रीकांत पुरोहित , राजेश खरे , दीपक पौन्डरीक एवं योगेश रहोरा की अहम भूमिका रही।
•भागवत कथा मंच से ब्यास जी ने की छितीपुर में हुई 20 गायों की हुई असमय मौत की निंदा
शिवपुरी । शिवपुरी जिले के पिछोर अनुविभाग अंतर्गत खनियाधाना के सीतापाठा प्रांगण में आयोजित महाशिवरात्री महोत्सव के दौरान चल रही श्रीमदभागवत कथा के चैथे दिवस ब्यासपीठ से भागवतभूषण पं रमाकान्त ब्यास ने संत की महिमा बताते हुये कहा कि जिसका तन चलता रहे और मन स्थित रहे वह संत है। अमर शहीद चन्द्रशेखर की कर्मस्थली कही जाने वाले सीतापाठा प्रंागण में भव्य मेले के साथ आयोजित कथा के दौरान महाराजश्री ने पृहलाद के चरित्र व भक्ति की कथा को हजारों की संख्या में कथा पाण्डाल में उपस्थित श्रोता श्रद्धालुओं के समक्ष ज्ञानोपदेश देते हुये बताया कि मनुष्य मे जीवन में इच्छा , प्रयत्न और अनुग्रह होना आवश्यक है। तभी भगवान की भक्ति की जा सकती है। जब हमारी इच्छा होगी और हम उसके लिये प्रयत्न करेंगे तो हमें भगवान का अनुग्रह अवश्य प्राप्त होगा। उन्होंने नवधाभक्ति समझाते हुये कहा कि पहली भक्ति हमें संत पुरूषों की संगत में रहना चाहिये। क्योंकि संत का मन गतिशील होता है और दिशा सही होती है। जिसकी अभेद दृष्टि हो और जो अति से अति सहन करने की क्षमता रखता हो वह संत कहा जा सकता है। उन्होंने संत और साधु की व्याख्या करते हुये कहा कि साधु का वेष होता है परन्तु संत का कोई गणवेष नहीं होता। संत का स्वभाव वस्त्रों से नहीं अपितु विचारों से जाना जाता है। जो भगवान का भजन करे वह साधु और जिसे भगवान याद करें वह संत कहलाता है। कथा के चैथे दिवस महाराजश्री ने संत पुरूष की कई तरह से ब्याख्या करते हुये कहा कि संत सरिता की तरह होना चाहिये। संत कभी एक जगह नहीं रूकता। संत कभी अपने को संत नहीं मानता और संतों का संग करने से ही भक्ति की प्राप्ति होती है। इसके अलावा श्री ब्यास ने भगवान की नवधा भक्ति से श्रद्धालुओं को परिचित कराया। कार्यक्रम के दौरान खनियाधाना के गणमान्य नागरिकगण, अधिकारी कर्मचारीगण, संत महापुरूष, एवं बडी संख्या में महिला पुरूष श्रद्धालुगण कथा पाण्डाल में उपस्थित थे।
राष्ट्र भक्ति को ही रामभक्ति बताया
अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद की कर्मस्थली सीतापाठा पर चल रही श्रीमदभागवतकथा के दौरान ब्यासपीठ से भागवतभूषण रमाकांन्त ब्यास ने राष्ट्रभक्ति को रामभक्ति बताते हुये कहा कि संत की समाधि और शहीद के स्मारक में कोई अंतर नहीं होता। सैना पर तैनात जवान की मांता धन्य है। राष्ट्रभक्ति से बडी कोई भक्ति नहीं जो जवान सीमा पर देश की रक्षा करते हुये करते हैं। चन्द्रशेखर आजाद की कर्मस्थली पर कथा को आजाद की बीरता से जोडते हुये कहा कि वे सदैव राष्ट्र की रक्षा के लिये जिये और मरे। वे अपना नाम आजाद पिता का नाम स्वतंत्रता और निवास जेल बताते थे। उन्हें अंग्रेज सरकार के आतताईयों द्वारा कोडे मारे जाने पर उनके मुख से बंदे मातरम ही निकलता था। उन्हेांेने सीतापाठा जैसे पवित्र स्थान पर चन्द्रशेखर आजाद की राष्ट्रभक्ति को सबसे बडी भक्ति बताया और कहा कि इस भूमि पर निवास करने वाले निवासी भी धन्य हैं जिन्हें राष्ट्र भक्ति के प्रतीक अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद की कर्मस्थली सीतापाठा के समीप रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
छितीपुर में गौवंश की हत्या की घोर निंदा
खनियाधाना के सीतापाठा स्थल पर श्रीमदभागवतकथा के चैथे दिवस ब्यासपीठ से महाराजश्री ने हाल ही में पिछोर क्षेत्र के छितीपुर में घटित गौवंश के हत्याकाण्ड की घोर निंदा करते हुये कहा कि गाय को बेद पुराणों उपनिषदों एवं हिन्दु धर्म में माता की संज्ञा दी गई है। आज हमारे प्रत्येक धर्मप्रेमी के घर से पहली रोटी गौ ग्रास के रूप में निकाली जाती है। किन्तु वडे दुर्भाग्य का विषय है कि हमारे ही क्षेत्र में कुछ एैसे आतताई भी निवास करते है। जिन्होंने हमारी गौमाता को भूख व प्यास से तडपा तडपाकर मार डाला। छितीपुर में घटित हुये गौवंश हत्याकाण्ड की घोर निंदा की जानी चाहिये और गौवंश की हत्या करने वाले आरोपियों को भी कडा दण्ड मिलना ही चाहिये। क्योंकि आज हमारे देश की हिन्दु संस्कृति व भारतीय संस्कृति इन्हीं गौमाता के रहते जीवित है। इसके अलावा महाराज श्री गौमाता व गौवंश की विस्तार से व्याख्या करते हुये कन्हैया को सबसे अधिक प्रिय गैया हैं बताया और कहा कि जो भी गौवंश के प्रति इस तरह की घटना कारित करेगा वह सीधे सीधे तौर पर हमारे कन्हैया का अपराधी माना जायेगा। जिसका दण्ड उसे भुगतना ही पडेगा। कथा के दौरान महाराजश्री गौवंश पर लगभग आधे घंटे बोलते बोलते भावुक हो गये।
हुआ विशाल आयुष मेगा चिकित्सा शिविर का आयोजन-
दिनांक 19-02- 2020 बुधवार को सीतापाठा खनियांधाना में विशाल आयुष मेगा चिकित्सा शिविर का आयोजन सम्पन्न किया गया जहां लगभग पांच सौ से अधिक रोगियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और रोगियों को निःशुल्क औषधि वितरण किया गया । शिविर में डाक्टर बी के भार्गव, डाक्टर योगेश शर्मा, श्रीकांत पुरोहित , राजेश खरे , दीपक पौन्डरीक एवं योगेश रहोरा की अहम भूमिका रही।
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