जिद्दी रिपोर्टर अपडेट..... पिछोर मूर्तियों को लेकर पिछोर में राजनैतिक पारा गरम हैं कथित रूप से, राजनीतिक लाभ के मकसद से बिना किसी म...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट.....
पिछोर
मूर्तियों को लेकर पिछोर में राजनैतिक पारा गरम हैं कथित रूप से, राजनीतिक लाभ के मकसद से बिना किसी मंजूरी के कुछ लोगों ने इकट्ठा होकर रातों रात कुछ घंटो में बिना परमिशन बाचरोन चौराहा पिछोर में रानी अवन्तीबाई की प्रतिमा स्थापित कर दी है।इससे पूर्व में भी किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा डॉ अम्बेडकर की प्रतिमा को भी खंडित कर दिया गया था। जिससे नगरवासियों में अराजकता का माहौल रहा है इसी तरह
पिछोर थाना क्षेत्र में मंगलवार रात को लगभग 3 बजे पिछोर बाचरोन चौराहे पर रानी अवन्तिबाई की मूर्ति स्थापित कर दी गई। जिस कारण चौराहे पर अब भी भारी पुलिस बल तैनात है जिससे नगरवासियों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है, लेकिन रात को प्रशासनिक अमला व पुलिस द्वारा दखल न दिए जाने के कारण यह मूर्ति भी स्थापित हो गई।
आपको बता दे की पिछोर में किसी भी चौराहे पर रानी अवन्तिबाई की प्रतिमा नहीं हैं जो कि होनी चाहिए परन्तु प्रशासनिक तरीके से मूर्ति को स्थापित करना चाहिए था बिना परमीशन के नहीं होना चाहिए जिससे अराजकता का माहौल बड़ता जा रहा है
अच्छा होता की अवंतीबई हम सबकी सम्मानीय है राष्ट्रीय आंदोलन में उनकी भूमिका रही है निश्चित रूप से पिछोर में उनकी मूर्ति होनी चाहिए, लेकिन तरीका यह नहीं होना चाहिए था ससम्मान विधिमान्य तरीके से प्रशासन को आवेदन देकर व प्रशासनिक अनुमति लेकर फूल माला आदि के साथ उनकी स्थापना होनी चाहिए व प्रशासन को भी अपनी कार्यशैली में बदलाव लाना आवश्यक है जिसके कारण यह सब हो रहा है, परन्तु प्रशासन का ध्यान इस तरफ नहीं है
क्या प्रतिमा को हटाया जाएगा
अभी तक मूर्ति को हटाया नहीं गया है परन्तु प्राप्त जानकारी अनुसार प्रशासन द्वारा सभी को प्रतिमा स्थापित करने के लिए अलग स्थान दिया गया है।
इनका कहना है--
-हमारे संवाददाता द्वारा पिछोर एसडीएम महोदय से दूरभाष पर बार बार संपर्क किया गया पर वह उपलब्ध नहीं हो सके
-अज्ञात लोगों द्वारा अवन्तिबाई जी प्रतिमा स्थापित कर दी गई जिसमे प्रकरण दर्ज किया गया है 10-12 लोगो के खिलाफ जो अभी अज्ञात है विवेचना ने जैसे नाम ज्ञात होते है नाम बड़ा दिए जायेंगे
अजय भार्गव(थाना प्रभारी पिछोर)
-प्रशासन के बगैर कोई काम नहीं करना चाहिए पहले प्रशासन से अनुमति लेनी चाहिए थी फिर भले है अवन्तिबाई जी की प्रतिमा स्थापित होती कोई मूर्ति का विरोधी नहीं परन्तु तरीका गलत है अन्य जगह भी अवन्तिबाई जी की प्रतिमा स्थापित है पर शासन की अनुमति होना अनिवार्य है
अशोक लिटोरिया(कांग्रेस मंडल अध्यक्ष पिछोर)
-जन भावना के प्रति हमने पूर्व में भी बहुत कोशिश की पर अब मूर्ति स्थापित हुई परन्तु मुझे इस बारे कुछ नहीं पता था प्रतिमा स्थापित होने के बाद पता चला अब स्थापित हो गई है तो हम साथ देेेंगे, बहुत से लोगो ने विरोध किया परन्तु कोई अप्रिय घटना ना घटे जिसमे प्रशासन ने भी सहयोग किया।
पूरन लोधी दाऊ(पूर्व सरपंच बचरोन)
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