ज़िद्दी रिपोर्टर अपडेट.... भोपाल परिवहन विभाग ने प्रदेश के सभी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे स्कूल के ट्र...
ज़िद्दी रिपोर्टर अपडेट....
परिवहन विभाग ने प्रदेश के सभी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे स्कूल के ट्रांसपोर्ट मैनेजरों के साथ बैठकर सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के सभी 15 बिंदु बताएं और ये सुनिश्चित करें कि बसों में बैठने वाले बच्चे पूरी तरह सुरक्षित रहें।
मप्र परिवहन विभाग के अपर आयुक्त अरविंद सक्सेना ने कहा कि राज्य सरकार स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर बहुत गंभीर हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और विभागीय मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के स्पष्ट निर्देश हैं कि स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अपर परिवहन आयुक्त ने कहा कि स्कूली बसों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश हैं। इसके अलावा सीबीएसई और राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के भी दिशा निर्देश हैं जिनका पालन करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अब चूँकि स्कूल रेगुलर हो गए हैं इसलिए विभाग ने प्रदेश के सभी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों को स्कूल बसों को लेकर निर्देश जारी किये हैं।
अरविंद सक्सेना ने कहा कि हमने प्रदेश के स्कूलों के प्रबंधन और ट्रांसपोर्ट मैनेजरों को अपने अधिकारियों के माध्यम से निर्देशित किया है कि वे अपने स्कूल की बसों को सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुरूप ही चलाएं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन में 15 बिंदु पूरी तरह से स्पष्ट हैं और इन सबका अक्षरशः पालन करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।
अपर परिवहन आयुक्त अरविंद सक्सेना ने कहा कि स्कूल संचालकों को ये खास ध्यान रखना होगा कि बस का ड्राइवर अनुशासित हो, उसके खिलाफ किसी भी तरह का अपराध ना हो, वो कभी शराब पीकर वाहन चलाने अथवा ओवर स्पीड में वाहन चलाने जैसे अपराध में दण्डित ना हुआ हो।
वरिष्ठ परिवहन अधिकारी ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा में कोताही स्वीकार नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन को ये भी ध्यान रखना चाहिए कि यदि बस में बच्चियां जा रही हैं तो एक महिला शिक्षिका अथवा महिला स्टाफ बस की शुरुआत के पॉइंट से अंतिम पॉइंट तक रहे जिससे बच्ची कम्फर्टेबल रह सके। उन्होंने कहा कि गाइड लाइन का पालन करना अति आवश्यक है जो इसका उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ विधि अनुसार एक्शन भी लिया जायेगा।
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