जिद्दी रिपोर्टर अपडेट..... •श्रीमदभागवतकथा के तीसरे दिवस बताया मन भजन का महत्व अमरशहीद चंद्रशेखर की कर्मस्थली सीतापाठा पर ...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट.....
•श्रीमदभागवतकथा के तीसरे दिवस बताया मन भजन का महत्व
अमरशहीद चंद्रशेखर की कर्मस्थली सीतापाठा पर महाशिवरात्री महोत्सव जारी
शिवपुरी । शिवपुरी जिले के पिछोर अनुविभाग में खनियाधाना नगर में अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद की कर्मस्थली सीतापाठा पर चल रहे महाशिवरात्री महोत्सव के दौरान क्षेत्रीय विधायक केपीसिंह के निर्देशन में व नगर परिषद खनियाधाना के तत्वाधान में आयोजित श्रीमदभागवतकथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिवस आज ब्यासपीठ से श्रद्धालुओं से खचाखच भरे पाण्डाल को ज्ञानोपदेश देते हुये भागवतभूषण पं. रमाकान्त जी ब्यास ने मन भजन का महत्व समझाते हुये मन की गति को सबसे अधिक तेज और मन को चंचल बताया। उन्होंने राजा पारीक्षित की कथा का श्रवण कराते हुये कहा कि राजा विष्णु स्वरूप होता है। यदि राजा अपराध करने लगे तो वहां न्याय की अपेक्षा नहीं की जा सकती। सुकदेव परीक्षित संवाद श्रवण कराते हुये महाराजश्री ने बताया कि यदि मनुष्य की मृत्यु निकट हो तो मन को भगवान के श्रीचरणों में लगाने का प्रयास करना चाहिये। यदि भजन करते समय मन भटकता है तो भटकने दो मगर भजन करना नहीं छोडना चाहिये। श्री ब्यास ने एक उदाहरण देते हुये समझाया कि जिस प्रकार एक कचरा भरे हुये पा.त्र में स्वच्छ जल भरा जाये तो कचरा उपर आ जाता है तब पात्र में स्वच्छ जल डालते रहना चाहिये जिससे कचरा धीरे धीरे करके पात्र से वाहर निकलना प्रारंभ हो जाता है और एक समय एैसा आता है कि जब स्वच्छ जल पात्र में डालते रहने पर पूरी तरह से कचरा पात्र के वाहर हो जाता है और अब पात्र में केवल स्वच्छ जल ही रह जाता है। इसी प्रकार भजन स्वच्छ जल की तरह है और भजन के समय मन में कई तरह के ख्याल आना उस कचरे के समान है। जब मन भटकता है तो भजन करना नहीं छोडना चाहिये। धीरे धीरे एक समय एैसा आयेगा जब मन पूरी तरह से भजन में लगने लगेगा। महाराज श्री ने मनुष्य के जीवन को अनमोल और सांसों को कीमती बताते हुये सुंदर भजन अनमोल तेरा जीवन यूं ही गवा रहा है ...... की संगीतमय प्रस्तुति से कथा पाण्डाल में उपस्थित श्रोताओं को भाव विभेार कर दिया। कार्यक्रम के दौरान ब्यासपीठ से ज्ञानचर्चा करते हुये श्री ब्यास ने सतयुग से कलियुग की चर्चा करते हुये मनुष्य की ब्याख्या करते हुये बताया कि सतयुग में मनुष्य की आयु 1 लाख वर्ष हुआ करती थी। त्रेता युग में एक विंदी घटकर मनुष्य की उम्र 10 हजार वर्ष की होने लगी। फिर द्वापर युग आया जब एक और विंदी घटकर मनुष्य की आयु एक हजार वर्ष रह गई। अब वर्तमान में कलियुग आया जब मनुष्य की आयु अधिकतम 100 वर्ष की रह गई है। कलियुग के प्रभाव के चलते हम देखते है कि भारतीय संस्कृति विलुप्त होती चली जा रही है। तीन से चार वर्ष की आयु में चश्मा लग जाता है। छः से सात वर्ष की आयु में बाल सफेद होते देखे जा रहे हैं वहीं 20 से 25 वर्ष की उम्र में डायविटीज जैसी गंभीर वीमारियां मनुष्य पर अपना प्रभाव दिखाती नजर आने लगी हैं। एैसे में यदि हम कलियुग के प्रभाव से बचना चाहते हैं तो हमें आध्यात्म का मार्ग अपनाते हुये अपना मन ईश्वर के भजन व चरण की ओर लगाना चाहिये। कार्यक्रम के दौरान कथा पारीक्षत के साथ कार्यक्रम आयोजक की जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहे नगर परिषद सीएमओ विनय कुमार भटट व संजू शर्मा को साधुवाद देने के साथ महाराज श्री ने कार्यक्रम की व्यवस्था देख रहे सभी व्यवस्थापकों की मंच से प्रशंसा की।
महाआरती में शामिल हुये अधिकारीगण
अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद की कर्मस्थली सीतापाठा पर महाशिवरात्री महोत्सव के दौरान चल रही श्रीमदभागवतकथा सप्ताह के तीसरे दिवस की कथा के अंतिम चरण में जहां पिछोर खनियाधाना अनुविभाग के गणमान्य नागरिक शामिल हुये वहीं खनियाधाना तहसीलदार दीपक शुक्ला एवं कार्यक्रम आयोजक नगर परिषद सीएमओ विनय कुमार भटट ने सपत्नी के महाआरती की और आशीर्वाद प्राप्त किया।
आज रात्री में बृन्दावन धाम के कलाकार देंगे रासलीला की प्रस्तुति
महाशिवरात्री महोत्सव खनियाधाना के सीतापाठा स्थल पर भव्यता के साथ सम्पन्न किया जा रहा है। नगर परिषद खनियाधाना के तत्वाधान में आयोजित इस समारोह के दौरान निर्धारित कार्यक््रम के अंतर्गत आज 18 फरवरी केा प्रांगण मंच पर वृन्दावनधाम से आये कलाकारों द्वारा भगवान श्री राधा कृष्ण युग सरकार की मनमोहित लीलाओं को मंचित करते हुये संगीतमयी रासलीला की प्रस्तुति श्रद्धालुओं को देखने को मिलेगी। काफी दिन से आश लगाये बैठे दर्शकगण वृन्दावन धाम के कलाकारों की रासलीला प्रस्तुति देखने को आतुर देखे जा रहे हैं। समाचार लिखे जाने तक रासलीला की प्रस्तुति की तैयारियां जारी थीं।
•श्रीमदभागवतकथा के तीसरे दिवस बताया मन भजन का महत्व
अमरशहीद चंद्रशेखर की कर्मस्थली सीतापाठा पर महाशिवरात्री महोत्सव जारी
शिवपुरी । शिवपुरी जिले के पिछोर अनुविभाग में खनियाधाना नगर में अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद की कर्मस्थली सीतापाठा पर चल रहे महाशिवरात्री महोत्सव के दौरान क्षेत्रीय विधायक केपीसिंह के निर्देशन में व नगर परिषद खनियाधाना के तत्वाधान में आयोजित श्रीमदभागवतकथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिवस आज ब्यासपीठ से श्रद्धालुओं से खचाखच भरे पाण्डाल को ज्ञानोपदेश देते हुये भागवतभूषण पं. रमाकान्त जी ब्यास ने मन भजन का महत्व समझाते हुये मन की गति को सबसे अधिक तेज और मन को चंचल बताया। उन्होंने राजा पारीक्षित की कथा का श्रवण कराते हुये कहा कि राजा विष्णु स्वरूप होता है। यदि राजा अपराध करने लगे तो वहां न्याय की अपेक्षा नहीं की जा सकती। सुकदेव परीक्षित संवाद श्रवण कराते हुये महाराजश्री ने बताया कि यदि मनुष्य की मृत्यु निकट हो तो मन को भगवान के श्रीचरणों में लगाने का प्रयास करना चाहिये। यदि भजन करते समय मन भटकता है तो भटकने दो मगर भजन करना नहीं छोडना चाहिये। श्री ब्यास ने एक उदाहरण देते हुये समझाया कि जिस प्रकार एक कचरा भरे हुये पा.त्र में स्वच्छ जल भरा जाये तो कचरा उपर आ जाता है तब पात्र में स्वच्छ जल डालते रहना चाहिये जिससे कचरा धीरे धीरे करके पात्र से वाहर निकलना प्रारंभ हो जाता है और एक समय एैसा आता है कि जब स्वच्छ जल पात्र में डालते रहने पर पूरी तरह से कचरा पात्र के वाहर हो जाता है और अब पात्र में केवल स्वच्छ जल ही रह जाता है। इसी प्रकार भजन स्वच्छ जल की तरह है और भजन के समय मन में कई तरह के ख्याल आना उस कचरे के समान है। जब मन भटकता है तो भजन करना नहीं छोडना चाहिये। धीरे धीरे एक समय एैसा आयेगा जब मन पूरी तरह से भजन में लगने लगेगा। महाराज श्री ने मनुष्य के जीवन को अनमोल और सांसों को कीमती बताते हुये सुंदर भजन अनमोल तेरा जीवन यूं ही गवा रहा है ...... की संगीतमय प्रस्तुति से कथा पाण्डाल में उपस्थित श्रोताओं को भाव विभेार कर दिया। कार्यक्रम के दौरान ब्यासपीठ से ज्ञानचर्चा करते हुये श्री ब्यास ने सतयुग से कलियुग की चर्चा करते हुये मनुष्य की ब्याख्या करते हुये बताया कि सतयुग में मनुष्य की आयु 1 लाख वर्ष हुआ करती थी। त्रेता युग में एक विंदी घटकर मनुष्य की उम्र 10 हजार वर्ष की होने लगी। फिर द्वापर युग आया जब एक और विंदी घटकर मनुष्य की आयु एक हजार वर्ष रह गई। अब वर्तमान में कलियुग आया जब मनुष्य की आयु अधिकतम 100 वर्ष की रह गई है। कलियुग के प्रभाव के चलते हम देखते है कि भारतीय संस्कृति विलुप्त होती चली जा रही है। तीन से चार वर्ष की आयु में चश्मा लग जाता है। छः से सात वर्ष की आयु में बाल सफेद होते देखे जा रहे हैं वहीं 20 से 25 वर्ष की उम्र में डायविटीज जैसी गंभीर वीमारियां मनुष्य पर अपना प्रभाव दिखाती नजर आने लगी हैं। एैसे में यदि हम कलियुग के प्रभाव से बचना चाहते हैं तो हमें आध्यात्म का मार्ग अपनाते हुये अपना मन ईश्वर के भजन व चरण की ओर लगाना चाहिये। कार्यक्रम के दौरान कथा पारीक्षत के साथ कार्यक्रम आयोजक की जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहे नगर परिषद सीएमओ विनय कुमार भटट व संजू शर्मा को साधुवाद देने के साथ महाराज श्री ने कार्यक्रम की व्यवस्था देख रहे सभी व्यवस्थापकों की मंच से प्रशंसा की।
महाआरती में शामिल हुये अधिकारीगण
अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद की कर्मस्थली सीतापाठा पर महाशिवरात्री महोत्सव के दौरान चल रही श्रीमदभागवतकथा सप्ताह के तीसरे दिवस की कथा के अंतिम चरण में जहां पिछोर खनियाधाना अनुविभाग के गणमान्य नागरिक शामिल हुये वहीं खनियाधाना तहसीलदार दीपक शुक्ला एवं कार्यक्रम आयोजक नगर परिषद सीएमओ विनय कुमार भटट ने सपत्नी के महाआरती की और आशीर्वाद प्राप्त किया।
आज रात्री में बृन्दावन धाम के कलाकार देंगे रासलीला की प्रस्तुति
महाशिवरात्री महोत्सव खनियाधाना के सीतापाठा स्थल पर भव्यता के साथ सम्पन्न किया जा रहा है। नगर परिषद खनियाधाना के तत्वाधान में आयोजित इस समारोह के दौरान निर्धारित कार्यक््रम के अंतर्गत आज 18 फरवरी केा प्रांगण मंच पर वृन्दावनधाम से आये कलाकारों द्वारा भगवान श्री राधा कृष्ण युग सरकार की मनमोहित लीलाओं को मंचित करते हुये संगीतमयी रासलीला की प्रस्तुति श्रद्धालुओं को देखने को मिलेगी। काफी दिन से आश लगाये बैठे दर्शकगण वृन्दावन धाम के कलाकारों की रासलीला प्रस्तुति देखने को आतुर देखे जा रहे हैं। समाचार लिखे जाने तक रासलीला की प्रस्तुति की तैयारियां जारी थीं।
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