जिद्दी रिपोर्टर अपडेट..... •आबकारी विभाग में ला.ला.की नीति बिगाड़ सकती है भाजपा का 2023 के चुनाव का समीकरण! •प्रदेश भर में बिक र...
जिद्दी रिपोर्टर अपडेट.....
•आबकारी विभाग में ला.ला.की नीति बिगाड़ सकती है भाजपा का 2023 के चुनाव का समीकरण!
•प्रदेश भर में बिक रही अधिक कीमत में शराब लेकिन मोटी कमीशनखोरी के चलते अधिकारी बने है धृतराष्ट्र
संजीव पुरोहित,सम्पादक✒️
भोपाल:- समाजवादी नेता डाक्टर राम मनोहर लोहिया कहा करते थे, कि सत्ताधारी दल के नेताओं की दो जुबान होती है. उनका कथन मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार की कार्यशैली को देखकर सटीक साबित नजर आ रहा है! इसके एक नहीं अनेकों कारण विपक्षी ही नहीं भाजपा के आम कार्यकर्ताओं से लेकर कई नेताओं के द्वारा गिनाए जारहे हैं? इन भाजपाई नेताओं का कहना है कि हमारी पार्टी की केन्द्रीय सरकार के प्रधानमंत्री से की मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के श्रीमुख से भ्रष्टाचार मुक्त मध्यप्रदेश ही नहीं मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचारियों के लिए भी मध्यप्रदेश में कोई जगह नहीं है? भ्रष्टाचारी मध्यप्रदेश छोड़ दें आदि आदि मगर इस तरह के मुख्यमंत्री के श्रीमुख से निकलने बाले बयानों के बाद मुख्यमंत्री और उनके सलाहकार इस मध्यप्रदेश की साढे़ आठ करोड़ जनता को यह बता दें कि मुख्यमंत्री के द्वारा भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों को इस तरह की अनेकों बार चेतावनी देने के उनकी सरकार और स्वयं मुख्यमंत्री ने कितने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कोई ठोस कर्रवाई की और कितने भ्रष्टाचारियों ने मध्यप्रदेश छोडा? जब इन नेताओं से यह सवाल किया गया कि हमारे इसी देश समाजवादी पार्टी के नेता कर्पूरी ठाकुर जैसे महान नेता बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहे मगर जब उनकी मृत्यु हुई तब उनकी जमापूंजी में एक टुटी झोपड़ी ही मिली क्या ऐसे ईमानदार नेता आज की बर्तमान राजनीति में मिलना मुश्किल है? इस सवाल पर इन नेताओं का अजब जबाब था! इन नेताओं का कहना था भाई आप किस युग की बात कह रहे हैं, आज की राजनीति में तो भ्रष्टाचारियों को पुरुस्कृत किया जाता है? और यह नेता कहते हैं मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार में भ्रष्ट अधिकारियों की बात छोडिये यहां तो मंत्रियों तक को भी भ्रष्टाचार के मामले में पुस्कृत किया जाता है? जब एक नेता से शराब के मामले में प्रदेश में चल रही राजनीति के बारे में सवाल किया गया और उनसे सवाल किया गया कि जिस शराब के वैध और अवैध कारोबार की बजह से आज शराब की यह हालत हो गई कि उसने प्रदेश में घर पंहुच सेवा का रुप ले लिया, उसी शराब के खिलाफ मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती " नशा विरोधी अभियान "चलाए हुए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार में शराब के वैध और अवैध कार्यवाही करने बजाय आबकारी विभाग के आयुक्त की पद स्थापना मंदसौर के तत्कालीन कलेक्टर रहे ओ पी श्रीवास्तव को बना दिया है, जिनके द्वारा मंदसौर में किए गए भ्रष्टाचार के कारनामों की बजह उनका नाम जनता की जुबान ही नहीं गुगल बाबा की साइट पर सुनहरे अक्षर में दर्ज है? उन्हीं भ्रष्टाचार शिरोमणि ओपी श्रीवास्तव को भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने का ढींढोरा पीटने बाले मुख्यमंत्री ने जिनके भ्रष्टाचार के कारनामे की गुगल की साइट पर सुनहरे अक्षरों में दर्ज उपलब्धि को योग्यता मानकर उन्हें आबकारी विभाग जो प्रदेश का दूसरा कमाई वाले विभाग में सुमार है का आयुक्त बनाया है? भ्रष्टाचार के संबंध में एक अन्य भाजपा नेता से बात की गई तो उनका जबाब था, भाई अब इस युग की राजनीति के चलते भ्रष्टाचारियों पर कार्रावाई के बजाय उन्हें उपकृत किया जाता है, तभी तो भाजपा सरकार में भ्रष्टाचारियों पर कमाई बाले विभाग का मुखिया बनाकर बैठा दिया जाता है? आबकारी विभाग का आयुक्त मंदसौर के कलेक्टर रहते जो नया कलेक्टर भवन, जिसे"सुशासन भवन " नाम दिया गया था कि निर्माण 13 करोड़ 71 लाख रुपये की लागत से हुआ था. उसके घटिया निर्माण के कारण जगह जगह से टाइल उखड गई थी यही नहीं भ्रष्टाचार की भेंट के चलते बने भवन की छत से पानी भी टपकाने लगा था तो वही भवन की दीवारों दरकने लगी थी, उस भवन के निर्माण में गड़बड़ी तो उजागर तो वही मुख्यमंत्री द्वारा उन्हीं ओ पी श्रीवास्तव की योग्यता की आई ए एस पर भी सवाल खड़े हो गए थे? उन्हीं कमाऊपूत को आबकारी विभाग का आयुक्त बनाने से कमाई की राशि का हिस्सा उस व्यक्ति को प्राप्त हो सकता है जिसकी शिफारिश पर मुख्यमंत्री ने मंदसौर ही उन जिलों में वह कलेक्टर रहे वहां की कार्यशैली में महारथ दिखा चुके ओ पी श्रीवास्तव आबकारी विभाग के महारथी मित्र से गुरूमंत्र हासिल कर मध्यप्रदेश में वैध शराब के साथ साथ शराब निर्माताओं की प्रदेश में जो परंपरा लागू आबकारी विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत करके एक टीपी की दस दस रंगीन फोटो कापियां करवा कर अवैध शराब के कारोबारियों के माध्यम से वैध शराब से कहीं ज्यादा जो शराब इन दिनों प्रदेश भर बिक रही है? उसको बढावा देकर मध्यप्रदेश में शराब की नदियाँ बहाकर आपने कारनामे को अंजाम देने में सफलता हासिल कर 2023 में होने बाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को पराजय का स्वाद चखाने के प्रयास में लगे रहेंगे? भाजपा के खिलाफ उस आदिवासी वर्ग में असंतोष पैदा करने के प्रयास आबकारी विभाग के अधिकारियों के माध्यम से अभी तक जिन आठ सो आदिवासियों के खिलाफ मामले दर्ज करवाने की नीति को उसी योजना का एक प्रयास है? तभी तो आबकारी विभाग के अधिकारियों के साथ साथ विपक्षी भी यह कहने लगे " जय जय ला......ला ?
संजीव पुरोहित,सम्पादक
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